Vitamin B12 मानव शरीर के लिए बहुत अहम है. शरीर में अगर इसकी कमी होती है, तो कई तरह की बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है, जिसमें जानलेवा बीमारी भी शामिल है.
Vitamin B12 हमारे शरीर को नर्व सेल्स और ब्लड सेल्स के स्वास्थ्य को बनाए रखने में सहायता करता है.
विटामिन बी 12 की कमी के कुछ सामान्य लक्षणों में अजीब संवेदनाएं, हाथ, पैर में सुन्नता या झुनझुनी, चलने में कठिनाई (लड़खड़ाना, संतुलन की समस्याएं), एनीमिया, सोचने और तर्क करने में कठिनाई, मेमोरी लॉस, कमजोरी और थकान शामिल हैं.
डॉक्टरों ने कहा कि विटामिन बी-12 ब्रेन केमिकल्स के प्रोडक्शन में में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जो मूड और मस्तिष्क के अन्य कामों को प्रभावित करते हैं.
सर गंगा राम अस्पताल के न्यूरोलॉजी विभाग के वरिष्ठ सलाहकार डॉ. अंशू रोहतगी ने बताया कि विटामिन बी-12 और अन्य विटामिन मस्तिष्क रसायनों के उत्पादन में अहम भूमिका निभाते हैं जो मूड और मस्तिष्क के अन्य कामों को प्रभावित करते हैं.
विटामिन बी-12 मुख्य रूप से पोल्ट्री, मांस, मछली और डेयरी उत्पादों में पाया जाता है.
जो लोग शाकाहारी या वीगन आहार का सेवन करते हैं उनमें विटामिन बी-12 की कमी होने की संभावना ज्यादा हो सकती है, क्योंकि पौधों से प्राप्त खाद्य पदार्थों में विटामिन बी-12 नहीं होता है. इसके अलावा बुजुर्गों और पाचन तंत्र की समस्याओं वाले लोग जो पोषक तत्वों के अवशोषण को प्रभावित करते हैं, उनमें भी विटामिन बी-12 की कमी होने की आशंका होती है.
डॉक्टरों के मुताबिक, विटामिन बी12 सेरोटोनिन जैसे मस्तिष्क रसायनों के उत्पादन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जो मूड को कंट्रोल करने में मदद करता है. जब बी12 का लेवल गिरता है, तो ये रसायन असंतुलित हो सकते हैं, जिससे संभावित रूप से मूड में बदलाव, चिड़चिड़ापन और यहां तक कि अवसाद जैसे लक्षण भी हो सकते हैं.
अहम बात यह है कि बी12 की कमी की वजह से पुरुषों और महिलाओं दोनों को मूड में बदलाव का अनुभव हो सकता है. वहीं, कुछ लोगों में बी 12 सप्लीमेंट देने के बाद मूड में सुधार देखा गया है.
डॉ. गुरुप्रसाद ने कहा कि यह ध्यान रखना अहम है कि मूड स्विंग के कई कारण हो सकते हैं. ऐसे में इसे दूर करने और यह निर्धारित करने के लिए डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए कि क्या बी 12 की कमी शरीर में मौजूद है.