सच में होते हैं मुंज्या! जानें मुंजा ब्रह्मदैत्य का रहस्य

Reality Behind Munjya

मूवी मुंज्या रिलीज़ हो चुकी है और बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचा रही है. यह एक हॉरर कॉमेडी मूवी है जिसमे कोंकण की घाटियों का रहस्य और जादू दिखाया गया है. इस फिल्म में जिस मुंज्या की बात की गई है वो कोई काल्पनिक नहीं बल्कि वास्तविक किरदार है प्राचीन दंतकथाओं का.

Indian Mythological Stories

आज हम आपको बताएंगे की मुंजा कौन होता है और इसके पीछे क्या रहस्य है, जिसकी दंतकथा भारत की प्राचीन कहानियों में मिलती है.

मुंज्या मराठी भाषा का शब्द है. कोंकण क्षेत्र में इसे मुंजा या मुज्या बोलते हैं. यह एक लड़के का भूत होता है जो अपनी अधूरी इच्छा को पूरी करने के लिए भटकता रहता है.

मुंज्या का रिश्ता कोंकण के ब्राह्मण समाज से है. इस समाज में 5-7 साल तक की उम्र के बच्चों का मुंडन संस्कार किया जाता है और लड़के के सिर और कमरबंद के चारों ओर एक पवित्र धागा बांधा जाता है.

मुंडन संस्कार के साथ ही कोंकण समाज के इन ब्राह्मण बालकों की पढ़ाई-लिखाई शुरू हो जाती है और इसे कोंकण भाषा में मुंज्य कहा जाता है और इस प्रक्रिया का पालन करने वाले बच्चों को मुंज्या.

ऐसा कहा जाता है की अगर जो लड़का मुंडन संस्कार के बाद 10 दिन के अंदर मर जाता है तो वह मुंजा बनता है और सिर्फ अपने रिश्तेदारों को दिखाई देता है.

असल में मुंज्या वो बनते है जिनका देहांत विवाह से पहले हो जाता है. ये भी कहा जाता है की ये तब तक उनके शिकार को अपने वश में रखता है जब तक वे बीमार होकर मर नहीं जाते.

उसकी आत्मा पीपल के पेड़ या कुए पर रहती है. वह किसी को नुकसान नहीं पहुंचाती लेकिन डराती जरूर है. जिस लड़के की यह आत्मा होती है वह काफी बेचैन रहता है और एक पेड़ से दूसरे पेड़ पर घूमता है.

ये भी मान्यता है की ये अपनी अधूरी इच्छा को पूरी करने के लिए मानव शरीर की तलाश में रहते है. भले ही फिल्म में इसे मजाकिया हॉरर मूवी के रूप में दिखाया गया है पर असल में ये कोंकण समाज के लोगों के लिए गंभीर परिस्थिति होती है.

Disclaimer

दी गई जानकारी लोककथाओं और किवदंतियों पर आधारित है. Zee Phh इसकी सत्यता की पुष्टि नहीं करता.

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