धर्मवीर भारती की यह किताब सबसे पहले 1959 में प्रकाशित हुई थी.
शरत् चन्द्र साहित्य की किताब जिसमें भावनओं और विचारों के संघर्ष की एक अनोखी दास्तान है.
फणीश्वरनाथ 'रेणु'जी की उपन्यास 1954 में प्रकाशित हुआ था.
शरत्चन्द्र चट्टोपाध्याय कि किताब में एक किशोर के माध्यम से भारतीय नारी की गरिमा और स्वाभिमान को प्रस्तुत करने वाली प्रखर प्रेम कथा है.
प्रभा खेतान ने इस उपान्यास में स्त्री के शोषण, और संषर्घ के बारे चर्चा किया गया है.
दिव्य प्रकाश दुबे ने उपन्यास में चित्रा और सुदीप की उसी दूसरी ज़िंदगी की कहानी है, जिसमें वो हर दिन जीना चाहतें है.
रेवती सरन शर्मा ने इस किताब में सौंदर्य शरीर,भावना का, भाषा का और शहरी वातावरण के साथ भावुकता के बारे में चर्चा है.