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अमेरिका, ब्रिटेन समेत 6 देशों ने यमन में हूतियों पर किए हमले, बर्बाद किए 36 ठिकाने

Attack on Houthis: अमेरिका, ब्रिटेन के साथ ऑस्ट्रेलिया, बहरीन, कनाडा, डेनमार्क, नीदरलैंड और न्यूजीलैंड ने यमन में हूतियों के 36 ठिकानों पर हमले किए हैं. उनका कहना है कि यह हमले लाल सागर में हूतियों के हमलों को रोकने के किए गए हैं.

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Siraj Mahi|Updated: Feb 04, 2024, 08:48 AM IST

Attack on Houthis: संयुक्त राज्य अमेरिका और यूनाइटेड किंगडम की सेनाओं ने शनिवार को यमन में हूती-नियंत्रित क्षेत्रों में कई हमले किए. शनिवार को जारी एक बयान में अमेरिका के रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन ने कहा कि हमले करने में अमेरिका और ब्रिटेन को ऑस्ट्रेलिया, बहरीन, कनाडा, डेनमार्क, नीदरलैंड और न्यूजीलैंड से भी सपोर्ट मिला.

ऑस्टिन ने कहा "संयुक्त राज्य अमेरिका और यूनाइटेड किंगडम की सेनाओं ने यमन में हूती-नियंत्रित इलाकों के खिलाफ हमले किए. यह सामूहिक कार्रवाई हूतियों को एक संदेश भेजती है कि यदि वे अंतरराष्ट्रीय शिपिंग पर अपने अवैध हमलों को खत्म नहीं करते हैं, तो उन्हें आगे भी अंजाम भुगतने होंगे. हम दुनिया के सबसे अहम जलमार्गों में से एक में जीवन और वाणिज्य के मुक्त प्रवाह की रक्षा करने में संकोच नहीं करेंगे."

उन्होंने कहा, इन हमलों का मकसद ईरान समर्थित हूती मिलिशिया की लाल सागर को वैध रूप से पार करने वाले अमेरिका और अंतरराष्ट्रीय जहाजों के खिलाफ उनके लापरवाह और अस्थिर हमलों को अंजाम देने की क्षमताओं को और अधिक बाधित करना और कम करना है.

ऑस्टिन ने कहा कि गठबंधन सेना ने हूती के गहरे दफन हथियार भंडारण सुविधाओं, मिसाइल प्रणालियों और लांचरों, वायु रक्षा प्रणालियों और रडार से जुड़े 13 स्थानों को निशाना बनाया.

अमेरिका, ब्रिटेन और उसके अन्य गठबंधन सहयोगियों की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया है कि ऑस्ट्रेलिया, बहरीन, कनाडा, डेनमार्क, नीदरलैंड और न्यूजीलैंड के सपोर्ट से संयुक्त राज्य अमेरिका और यूनाइटेड किंगडम की सेनाओं ने आनुपातिक का एक अतिरिक्त दौर आयोजित किया. यमन में 13 स्थानों पर 36 हूती ठिकानों के खिलाफ हमले किए गए.

यह अंतरराष्ट्रीय और वाणिज्यिक शिपिंग के साथ-साथ लाल सागर को पार करने वाले नौसैनिक जहाजों के खिलाफ हूती के निरंतर हमलों के जवाब में था. नवंबर के मध्य से वाणिज्यिक जहाजों और नौसैनिक जहाजों पर हूतियों के 30 से ज्यादा हमले हो चुके हैं, जो एक अंतरराष्ट्रीय चुनौती हैं.

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