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लगातार चौथे साल स्विट्जरलैंड ने साझा किया स्विस बैंक में भारतीय नागरिकों के खातों का ब्योरा

India gets 4th set of Swiss bank account details of its Citizens: अफसरों ने बताया कि स्विट्जरलैंड ने भारत के साथ सैकड़ों वित्तीय खातों से संबंधित जानकारी साझा किया है. इसमें कुछ लोगों, कंपनियों और ट्रस्टों के खाते शामिल हैं.

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Hussain Tabish|Updated: Oct 10, 2022, 06:05 PM IST

नई दिल्ली/बर्नः भारत को स्विट्जरलैंड (Switzerland) के साथ सूचना के आदान-प्रदान व्यवस्था (automatic information exchange pact) के तहत लगातार चौथे साल अपने नागरिकों और संगठनों के स्विस बैंक (Swiss Bank Account) में खातों की जानकारी मिली है. स्विट्जरलैंड ने भारत समेत दुनिया के 101 देशों के साथ करीब 34 लाख वित्तीय खातों (34 lakh financial accounts) की जानकारी साझा की की है. अफसरों ने बताया कि भारत के साथ सैकड़ों वित्तीय खातों से संबंधित जानकारी साझा किया गया है. इसमें कुछ लोगों, कंपनियों और ट्रस्टों के खाते शामिल हैं. हालांकि, सूचना के आदान-प्रदान के तहत गोपनीयता के प्रावधान का हवाला देकर विस्तृत जानकारी अभी नहीं दी गई है, क्योंकि इससे आगे की जांच पर प्रतिकूल असर पड़ने की संभावना है. अफसरों ने बताया कि चोरी के संदिग्ध मामलों और धन शोधन और आतंकवाद के वित्तपोषण समेत अन्य गड़बड़ियों की जांच में इन आंकड़ों का उपयोग किया जा सकेगा. 

पांच अन्य देशों के खाते भी किए जारी 
संघीय कर प्रशासन (एफटीए) ने सोमवार को कहा कि इस साल सूचनाओं के आदान-प्रदान से सूची में पांच नए देशों अल्बानिया, ब्रुनेई दारुस्सलाम, नाइजीरिया, पेरू और तुर्की को भी शामिल किया गया है. वित्तीय खातों की तादाद में लगभग एक लाख का इजाफा हुआ है. सूचना का आदान-प्रदान 74 देशों के साथ हुआ है. इन देशों से स्विट्जरलैंड को भी सूचना मिली है, लेकिन रूस समेत 27 देशों के मामले में कोई सूचना नहीं दी गई है.  इसका कारण या तो इन देशों ने अभी तक गोपनीयता और आंकड़ों की सुरक्षा पर अंतरराष्ट्रीय आवश्यकताओं को पूरा नहीं किया है अथवा उन्होंने आंकड़े प्राप्त नहीं करने का विकल्प चुना है। 

101 देशों के नागरिकों के खाते नहीं किए गए हैं सार्वजनिक 
एफटीए ने 101 देशों के नामों और अन्य जानकारी का खुलासा अभी नहीं किया है, लेकिन अधिकारियों ने कहा कि भारत उन देशों में प्रमुखता से शामिल है, जिसे लगातार चौथे साल स्विस वित्तीय संस्थानों में उसके नागरिकों और संगठनों के खातों के बारे में सूचना दी गई है. अधिकारियों के मुताबिक, सूचना का आदान-प्रदान पिछले महीने हुआ था, और स्विट्जरलैंड अब अगले साल सितंबर में सूचना साझा करेगा. भारत को सबसे पहले स्विट्जरलैंड से सितंबर, 2019 में आंकड़े मिले थे. वह उस वक्त 75 देशों में शामिल था, जिसे सूचना उपलब्ध कराई गई थी. पिछले साल, भारत सूचना प्राप्त करने वाले 86 देशों की लिस्ट में शामिल था.

साझा की गई जानकारी में क्या-क्या है ? 
स्विट्जरलैंड लंबी प्रक्रिया के बाद भारत के साथ उसके नागरिकों के बैंक खातों की सूचना साझा करने पर सहमत हुआ था. इसमें भारत में आंकड़ों के संरक्षण और गोपनीयता को लेकर कानूनी ढांचे समेत अन्य चीजों की समीक्षा शामिल थी. साझा किए गए ब्योरे में खाताधारक की पहचान, खाता और वित्तीय जानकारी शामिल है. इसमें नाम, पता, निवास वाले देश का नाम और कर पहचान संख्या के साथ-साथ खाते की रकम और पूंजीगत आय से संबंधित सूचना शामिल हैं.

इन आंकड़ों में अप्रवासी भारतीय के खाते भी हैं शामिल 
विशेषज्ञों के मुताबिक,, भारत के लिए सूचना के आदान-प्रदान की व्यवस्था के तहत हासिल आंकड़े उन लोगों के खिलाफ मजबूती से मामला चलाने में उपयोगी साबित हो रहे हैं, जिनके पास बेहिसाब संपत्ति है. इससे जमा और धन के अंतरण के बारे में पूरा ब्योरा मिल जाता है. इसके साथ ही प्रतिभूतियों और अन्य संपत्तियों में निवेश के जरिये हासिल कमाई समेत अन्य आय के बारे में जानकारी मिल जाती है. अफसरों ने यह भी कहा कि ब्योरा प्रवासी भारतीयों समेत कारोबारियों से भी जुड़ा है. भारत के ये प्रवासी अब कई दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के साथ-साथ अमेरिका, ब्रिटेन और कुछ अफ्रीकी देशों और दक्षिण अमेरिकी देशों में बस गए हैं. 

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