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तीन साल बाद चीन में आए नजर अलीबाबा के फाउंडर जैक मा; किसी अनहोनी की थी आशंका

चीनी ई-कॉमर्स कंपनी अलीबाबा के फाउंडर जैक मा पिछले कई सालों से सार्वजनिक तौर पर गायब हो गए थे. ऐसा बताया जा रहा था कि चीनी सरकार की आलोचना करने के बाद उन्हें नजरबंद कर दिया गया था. 

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जैक मा
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Hussain Tabish|Updated: Mar 27, 2023, 08:01 PM IST

नई दिल्लीः चीनी ई-कॉमर्स कंपनी अलीबाबा के फाउंडर जैक मा लगभग तीन साल बाद हांग्जो के एक स्कूल में फिर से नजर आए हैं. मीडिया रिपोर्ट्स में यह जानकारी दी गई है. वह पिछले तीन सालों से गायब थे और सार्वजनिक रूप से कहीं नहीं देखे गए थे. 58 वर्षीय जैक मा ने 2020 में चीन के वित्तीय नियामकों की आलोचना की थी, जिसके बाद वे सार्वजनिक तौर पर कभी नजर नहीं आए थे. ऐसा कहा जा रहा था कि चीनी सरकार ने उन्हें नजरबंद कर दिया है या जेल में डाल दिया है. 

बीबीसी के मुताबिक, चीनी उद्यमियों के खिलाफ मुहिम छेड़े जाने के बाद गायब हो जाने वाले जैक मा चीन के सबसे हाई प्रोफाइल अरबपति थे. साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट के मुताबिक जैक लगभग एक साल बाद बाद चीन वापस लौटे हैं. अलीबाबा के मालिकाना हक वाले अखबार ने बताया कि वह कुछ अरसे से हांगकांग में थे, जहां वह दोस्तों से मिले और अंतरराष्ट्रीय कला मेले आर्ट बेसल का संक्षिप्त दौरा भी किया. 

इसमें कहा गया है कि जैक मा कृषि प्रौद्योगिकी के बारे में जानने के लिए विभिन्न देशों की यात्रा कर रहे हैं, लेकिन इस बात का कोई जिक्र नहीं किया गया कि वह हाल के वर्षों में सार्वजनिक रुप से क्यों गायब हो गए थे. जैक मा ने कर्मचारियों से मुलाकात की और हांग्जो के युंगु स्कूल में क्लासों का दौरा किया, जिस शहर में अलीबाबा का मुख्यालय स्थित है. 
बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, स्कूल के सोशल मीडिया पेज के मुताबिक, उन्होंने शिक्षा के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की संभावित चुनौतियों के बारे में बात की है. जैक मा ने कहा, ’’ चैटजीपीटी और इसी तरह की प्रौद्योगिकियां एआई युग की अभी शुरूआत भर हैं. हमें इसके द्वारा नियंत्रित होने के बजाय समस्याओं को हल करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल करना चाहिए.’’ 

कभी चीन के सबसे अमीर शख्स जैक मा ने इस साल जनवरी में वित्तीय प्रौद्योगिकी दिग्गज एंट ग्रुप का नियंत्रण छोड़ दिया था. कुछ टिप्पणीकारों की तरफ से इसे सबूत के रूप में देखा गया कि जैक मा के मुखर और बहुत शक्तिशाली होने की वजह से वह चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के निशाने पर आ गए थे.

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