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Arab Fashion Week: सऊदी में बढ़ रहा फैशन वीक का चलन, महिलाओं को मिल रहे मौके!

When was the first Arab Fashion Week: सऊदी अरब हमेशा से ही ख्वातीन के लिए सख्‍त कानूनों की वजह से जाना गया है.लेकिन अब इस देश की सूरत बदल रही है. क्राउन प्रिंस मोहम्‍मद बिन सलमान की वजह से अब यहां पर ख्वातीन को वो हुकूक मिलने लगे हैं जिसके बारे में उन्‍होंने बस ख्वाब में ही सोचा था. देश की फैशन इंडस्‍ट्री भी अब इसी बदलाव से गुजर रही है. एम.बी.एस के करीबियों का मानना है कि विज़न 2030 की कामयाबी के लिए ख्वातीन का किरदार काफी अहम है। ऐसे में वह सबकुछ अब होने लगा है जो कभी नमुमकिन सा लगता था. लेकिन इसी बदलाव ने अब एम.बी.एस को critics के निशाने पर ला दिया है. दरअसल सऊदी अरब की राजधानी रियाद में अब एक फैशन वीक का इफ्तेताह हुआ है. यूं तो साल 2018 में पहली बार सऊदी अरब में फैशन वीक का इनेकाद हुआ था लेकिन इस बार यह काफी बड़ी सतह पर था. जिमी फैशन इंटरनेशनल (Jimmy Fashion International) इस टाइटल के साथ होने वाले इस फैशन वीक में 18 डिजाइनर्स ने हिस्‍सा लिया था. फैशन शो में डिजाइनर्स ने देश की सकाफत को ख्याल में रखते हुए मॉर्डन डिजाइन पेश किए. कई शेखों को इस फैशन शो का लुत्‍फ उठाते हुए देखा गया. इसके अलावा सऊदी अरब के इनफ्लुएंसर्स भी इस फैशन वीक में हिस्सा लेने पहुंचे थे. इनफ्लुएंसर्स ने भी शो की मज़म्मत की. एक इनफ्लुएंसर ने तो इसे देश के लिए शर्मसार तक करार दे डाला. बता दें की साल 2018 में अरब फैशन वीक (Arab Fashion Week) की शुरूआत हुई थी जिसे ख्वातीन के लिए नई पहचान माना गया था. उस फैशन वीक में ब्राजील, लेबनान, रूस, सऊदी अरब, अमेरिका और यूएई कर मॉडल्‍स हिस्‍सा लेने के लिए पहुंची थीं. एम.बी.एस साल 2030 तक देश को बदलना चाहते हैं और इसलिए अब ख्वातीन की भागीदारी को बढ़ाया जा रहा है. लेकिन अभी मुल्क इसे कुबूल करने के लिए तैयार नहीं दिख रहा है.

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