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Check Bounce: क्या होता है चेक बाउंस? क्यों इसके नियमों को लेकर हो रही है चर्चा

Check Bounce Rule: अगर आप पेमेंट करने के लिए चेक का इस्तेमाल करते हैं तो आपको सावधान रहने की जरूरत है, नहीं तो आप किसी बड़ी मुसीबत में पड़ सकते हैं. क्योंकि चेक बाउंस के बढ़ते मामलों की वजह से लीगल सिस्टम पर दबाव बढ़ रहा है. इसी को देखते हुए सरकार चेक बाउंस के नियमों में बड़ा बदलाव करने जा रही है. जब किसी वजह से बैंक आपके चेक को रिजेक्ट करती है और पेमेंट नहीं हो पाता है तो इसे चेक बाउंस होना कहते हैं.ऐसा होने का कारण ज्यादातर अकाउंट में बैलेंस ना होना होता है. इसके अलावा अगर व्यक्ति के सिग्नेचर में अंतर है तो भी बैंक ,चेक को रिजेक्ट कर देता है. उद्योग संगठन पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ने हाल में वित्त मंत्रालय से अनुरोध किया था कि चेक बाउंस के मामले में बैंक से पैसा निकलने पर कुछ दिन तक अनिवार्य रोक जैसे कदम उठाए जाएं, जिससे कि चेक जारी करने वालों को जवाबदेह बनाया जा सके. वित्त मंत्रालय की ओर से अगर नया नियम लागू किया जाता है तो चेक जारी करने वाले के दूसरे अकाउंट से पैसे काटे जाएंगे. इसके साथ ही दूसरे बैंक में नए अकाउंट खोलने पर भी रोक लगाई जा सकती है. इस तरह के कई कदमों पर वित्त मंत्रालय विचार कर रहा है...चेक बाउंस के बढ़ते मामलों को देखते हुए मंत्रालय ने हाल में एक उच्चस्तरीय बैठक बुलाई थी, जिसमें इस तरह के कई सुझाव प्राप्त हुए हैं.. Finance Ministry को मिले ये सुझाव अगर अमल में आते हैं, तो भुगतानकर्ता को चेक का भुगतान करने पर मजबूर होना पड़ेगा. इसके साथ ही मामले को अदालत तक ले जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी. इससे कारोबारी सुगमता बढ़ेगी और खाते में पर्याप्त पैसा नहीं होने के बावजूद चेक जारी करने के चलन पर भी रोक लगेगी.

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