Ramazan Special Video: सिर्फ सुबह से शाम तक खाने-पीने से परहेज करने का नाम रोजा नहीं है, बल्कि रोजे का मकसद रोजेदारों में तकवा पैदा करना है. रोजे का मकसद इंसान में हलाल और हराम की तमीज सिखाना और नेक रास्ते पर चलने की सीख देना है. रोजे का सबसे बड़ा मकसद अपनी इंद्रियों पर नियंत्रण स्थापित करने का अभ्यास करना होता है. बहुत से लोग रमजान के रोजे तो रखते हैं, लेकिन वह रमजान के दीगर नियमों का पालन नहीं करते हैं. ऐसे में उनका रोजा मुकम्मल नहीं होता है. इस वीडियो में हम आपको बताएंगे कि वह कौन सी चीजें हैं जिनसे रोजा मुकम्मल होता है.