One Nation One Ration Card: आज हमारे पास आपके लिए एक अच्छी ख़बर है. अब आप घर बैठे अपना राशन कार्ड बनवा सकते हैं. आम लोगों को राहत देने के लिए केंद्र सरकार ने बीते शुक्रवार को राशन कार्ड से जुड़ी एक नई सुविधा शुरू की है. इस सुविधा का लाभ उठाते हुए आम लोगों को राशन कार्ड बनवाने के लिए इस दफ्तर से उस दफ्तर नहीं भागना होगा. सरकार ने इसके लिए कॉमन रजिस्ट्रेशन फैसिलिटी की शुरुआत की है. कॉमन रजिस्ट्रेशन की यह नई सर्विस अभी पायलट आधार पर 11 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में शुरू की गई है. इस महीने के अंत तक देश के सभी 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में यह कॉमन प्लेटफॉर्म शुरू कर दिया जाएगा. इस सर्विस का फ़ायदा उठाते हुए बेघर लोग, वंचित, माइग्रेन्ट और अन्य पात्र लोग आसानी से अपना राशन कार्ड बनवा सकते हैं. राशन कार्ड बन जाने से कई सरकारी सुविधाओं का लाभ उठाया जा सकता है जिसमें मुफ्त राशन का फ़ायदा भी शामिल है. एक आंकड़े के मुताबिक, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून यानी कि एनएफएसए के तहत देश में अधिकतम 81.35 करोड़ लोगों को कवर किया जा सकता है. मौजूदा समय में देश में इस कानून के तहत 79.77 करोड़ लोगों को सब्सिडी पर अनाज आदि की सुविधा दी जा रही है. इस तरह बाकी बचे 1.58 करोड़ अतिरिक्त लोगों को इसमें जोड़ा जा सकता है. इस लिहाज से सरकार ने राशन कार्ड बनाने के लिए कॉमन रजिस्ट्रेशन फैसिलिटी की शुरुआत की है. केंद्र सरकार के खाद्य सचिव ने बताया कि कॉमन रजिस्ट्रेशन फैसिलिटी (माई राशन-माई राइट) को शुक्रवार को शुरू किया गया जिसका मक़सद राज्यों की मदद कर राशन कार्ड बनाने में तेजी लाना है. राज्यों में पात्र लोगों की पहचान कर उनका राशन कार्ड बनाया जाएगा ताकि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के तहत आने वाली सुविधाओं का लाभ उन्हें दिया जा सके. सुधांशु पांडेय ने यह भी बताया कि पिछले 7-8 वर्षों में, अनुमानित 18-19 करोड़ लाभार्थियों से जुड़े लगभग 4.7 करोड़ राशन कार्ड अलग-अलग कारणों से रद्द कर दिए गए हैं. इसी के साथ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा पात्र लाभार्थियों को नियमित आधार पर नए कार्ड भी जारी किए जाते हैं. इस नई सुविधा का लाभ लेने के लिए आर जहां रहते हों वहां का कागज होना जरूरी नहीं. कॉमन प्लेटफॉर्म पर खुद से या किसी दूसरे की मदद से फॉर्म भरा जा सकता है. इसमें अपने राज्य या निवास की जानकारी देनी होगी. इसके बाद कॉमन प्लेटफॉर्म उस राज्य को वो जानकारी शेयर करेगा. फिर राज्य और कॉमन रजिस्ट्रेशन प्लेटफॉर्म अपने आधार पर वेरिफिकेशन का काम पूरा करेंगे और राशन कार्ड बनकर तैयार होगा. इससे सरकार की योजना एक राष्ट्र-एक राशन कार्ड यानी कि ओएनओआरसी को भी मजबूती मिलेगी जिसे हर रियासत में तेजी से चलाया जा रहा है.