Ajmer: देश और दुनिया के तमाम मुसलमान रमजान के महीने में रोजा रखते हैं, इन दिनों लोग रोजा रखने के लिए सहरी भी करते हैं. नींद में होने की वजह से लोगों को उठाने के लिए मस्जिदों से ऐलान कराया जाता है, ताकि तेज आवाज से लोगों की नींद टूट जाए. लेकिन ख्वाज़ा के शहर अजमेर में मस्जिदों से ऐलान की जगह नात-ए-कलाम पढ़ी जाती है. ये अजमेर की काफी पुरानी रिवायत है, जो आज तक चली आ रही है. देखें वीडियो