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Arvind Kejriwal Case Update: क्या केजरीवाल को दिल्ली HC से मिलेगी राहत? CBI की गिरफ्तारी के खिलाफ होगी सुनवाई

Arvind Kejriwal Case Update: दिल्ली हाईकोर्ट आज यानी 2 जुलाई को सीएम अरविंद केजरीवाल की याचिका पर सुनवाई करेगा. केजरीवाल को ईडी ने दिल्ली अबाकारी नीति मामले में 21 मार्च को गिरफ्तार किया था. इस मामले में जमानत मिलने के बाद सीबीआई ने जून के महीने में गिरफ्तार किया था. 

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Arvind Kejriwal Case Update: क्या केजरीवाल को दिल्ली HC से मिलेगी राहत? CBI की गिरफ्तारी के खिलाफ होगी सुनवाई
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Taushif Alam|Updated: Jul 02, 2024, 08:11 AM IST

Arvind Kejriwal Case Update: दिल्ली हाईकोर्ट सीबीआई के जरिए गिरफ्तारी के खिलाफ दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की याचिका पर आज यानी 2 जुलाई को सुनवाई करेगा. जस्टिस नीना बंसल कृष्णा की अगुवाई वाली पीठ दिल्ली के सीएम की याचिका पर सुनवाई करेगी. यह याचिका 1 जुलाई को दायर की गई थी. केजरीवाल को ईडी ने दिल्ली अबाकारी नीति मामले में 21 मार्च को गिरफ्तार किया था. इस मामले में केजरीवाल को दिल्ली की स्थानीय कोर्ट से जमानत मिल गई थी, जिसके कुछ दिनों बाद सीबीआई ने दिल्ली आबकारी नीति मामले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग गिरफ्तार किया.

12 जुलाई तक न्यायिक हिरासत में केजरीवाल
आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक केजरीवाल ने ट्रायल कोर्ट के 26 जून के आदेश को भी चुनौती दी है, जिसके तहत उन्हें तीन दिनों के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की हिरासत में भेज दिया गया था. 29 जून को केजरीवाल को ट्रायल कोर्ट ने भ्रष्टाचार मामले में 12 जुलाई तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया था, जिसमें कहा गया था कि उनका नाम मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक के रूप में सामने आया है और चूंकि जांच अभी भी जारी है, इसलिए उनसे आगे की हिरासत में पूछताछ की आवश्यकता हो सकती है. 

सीबीआई ने किया बड़ा दावा
वहीं, सीबीआई ने दावा किया कि अरविंद केजरीवाल जांच दल के साथ सहयोग नहीं कर रहे थे और अपनी तीन दिन की हिरासत के दौरान टालमटोल वाले जवाब दे रहे थे. इसने यह भी दावा किया कि केजरीवाल दिल्ली आबकारी नीति मामले में गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं. 26 जून को ट्रायल कोर्ट ने सीबीआई द्वारा उनकी गिरफ्तारी को अवैध घोषित करने से इनकार कर दिया. ट्रायल जज ने कहा कि गिरफ्तारी का समय "सतर्क हो सकता है, लेकिन यह गिरफ्तारी को अवैध घोषित करने का स्पष्ट मानदंड नहीं है."

ट्रायल कोर्ट ने क्या कहा?
ट्रायल कोर्ट ने कहा था, "जांच जांच एजेंसी का विशेषाधिकार है, हालांकि, कानून में कुछ सुरक्षा उपाय प्रदान किए गए हैं और इस स्तर पर, रिकॉर्ड पर मौजूद सामग्री के आधार पर, यह नहीं कहा जा सकता है कि गिरफ्तारी अवैध है. हालांकि, एजेंसी को अति उत्साही नहीं होना चाहिए,"  

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