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Swati Maliwal Case: विभव कुमार को नहीं मिली राहत, कोर्ट ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा

Swati Maliwal Case: विभव कुमार को 18 मई को गिरफ्तार किया गया था, जब आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल ने उन पर 13 मई को केजरीवाल के आवास पर हमला करने का इल्जाम लगाया था.

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Swati Maliwal Case: विभव कुमार को नहीं मिली राहत, कोर्ट ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा
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Taushif Alam|Updated: May 31, 2024, 06:41 PM IST

Swati Maliwal Case: दिल्ली की एक कोर्ट ने आज यानी 31 मई को सीएम अरविंद केजरीवाल के पीए विभव कुमार को स्वाति मालीवाल से कथित मारपीट मामले में 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. विभव कुमार तीन दिन पुलिस कस्टडी में थे, जो आज खत्म हो गई है. जिसके बाद दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में पेश किया गया. उनके वकील भारद्वाज ने 14 दिन की पुलिस हिरासत की मांग करने वाली दिल्ली पुलिस की याचिका का विरोध किया.

विभव कुमार ने क्या कहा?
विभव कुमार ने कहा, "मैं जांच में हस्तक्षेप नहीं करने जा रहा हूं. मैंने खुद सीसीटीवी फुटेज को सुरक्षित रखने की गुजारिश की. मैं खुद इसे सुरक्षित रखने की कोशिश कर रहा हूं, तो मैं सबूतों के साथ छेड़छाड़ क्यों करूंगा." उन्होंने कहा, "सभी गवाह सरकारी कर्मचारी हैं और मैं उन्हें प्रेरित या धमकाने की हालत में नहीं हूं और मैंने खुद जांच में शामिल होने के लिए एजेंसी के सामने पेश होने की इच्छा जताई है और मैं भागने का जोखिम नहीं उठा सकता."

हाईकोर्ट में विभव ने अपनी गिरफ्तारी को बताया था अवैध
इससे पहले शुक्रवार को दिल्ली हाईकोर्ट ने विभव कुमार की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका की सुनवाई करने के मुद्दे पर आदेश सुरक्षित रख लिया था. अपनी याचिका में विभव कुमार ने अपनी गिरफ्तारी को अवैध बताते हुए दंड आईपीसी की धारा 41ए (पुलिस अधिकारी के समक्ष हाजिर होने का नोटिस) के प्रावधानों का घोर उल्लंघन और कानून के शासनादेश के विरुद्ध घोषित करने का निर्देश देने की मांग की है. 

स्वाति मालीवाल ने लगाया था ये इल्जाम
विभव कुमार को 18 मई को गिरफ्तार किया गया था, जब आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल ने उन पर 13 मई को केजरीवाल के आवास पर हमला करने का इल्जाम लगाया था.  इसके बाद विभव कुमार के खिलाफ 16 मई को भारतीय दंड संहिता के विभिन्न प्रावधानों के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी, जिसमें महिला को निर्वस्त्र करने के इरादे से उस पर आपराधिक धमकी, हमला या आपराधिक बल का प्रयोग करना और गैर इरादतन हत्या करने का प्रयास करना शामिल है.

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