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दुकान-मकान के किरायानामा के लिए नहीं लगाने होंगे नोटरी के चक्कर, ऑनलाइन बनेगा रेंट एग्रीमेंट

E- rent agreements system in UP: उत्तर प्रदेश सरकार जहां इस व्यवस्था से आम नागरिकों की जिंदगी आसान कर रही है, वहीं इससे सरकार के लिए सालाना राजस्व हासिल करने का एक नया स्रोत भी पैदा होगा.

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अलामती तस्वीर
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Zee Media Bureau|Updated: Sep 17, 2022, 09:54 PM IST

लखनऊः उत्तर प्रदेश में अब आम नागरिकों और कारोबारियों को मकान, दुकान या गोदाम जैसी जगह किराए पर लेने के लिए वकीलों के पास भटकना नहीं पड़ेगा. प्रदेश में अब योगी सरकार लोगों की सुविधा के लिए 'ई रेंट एग्रीमेंट’ (E- rent agreements) के जरिए ऑनलाइन लीज डीड की शुरुआत कर रही है. सरकार के इस फैसले से अब डीड राइटर की जरूरत नहीं रह जाएगी. सीधे मकान या बिल्डिंग के मालिक के साथ किराएदार ऑनलाइन करार (Online agreement) कर सकेंगे. इससे आम नागरिकों समेत प्रदेश के कारोबारियों को भी राहत मिलेगी. उन्हें मौजूदा जटिल प्रक्रिया से नहीं गुजरना होगा, बल्कि लोग सिर्फ पांच मिनट में ऑनलाइन कांट्रैक्ट लेटर हासिल कर सकेंगे.

गौतमबुद्ध नगर जिले से हुई सेवा की शुरुआत 
गौरतलब है कि सरकार ने राज्य में नागरिकों को कई तरह की सेवाएं ऑनलाइन देकर उनकी जिंदगी को आसान बनाने की कोशिश की है. ई-रेंट एग्रीमेंट उसी मुहिम का एक हिस्सा है. फिलहाल इसकी शुरुआत गौतम बुद्धनगर से हुई है, और जल्द ही अन्य जिलों में इस व्यवस्था को लागू किया जाएगा. 
अभी से पहले रेंट एग्रीमेंट की मौजूदा व्यवस्था के तहत किराएदार को पहले डीड राइटर से राब्ता करना पड़ता था. इसके बाद स्टांप पेपर खरीदने, उसकी नोटरी कराने के बाद दोनों पार्टियों के रेंट एग्रीमेंट पर दस्तखत होते थे. प्रस्तावित ऑनलाइन व्यवस्था में अब किराएदार को सिर्फ यूपी सरकार द्वारा अनुमोदित एग्रीमेंट पोर्टल पर जाकर अपने नाम और मोबाइल के जरिए लॉगिन करके लीज डिटेल भरनी होगी.

इस तरह करना होगा ऑनलाइन प्रोसेस 
मिसाल के तौर पर, गौतम बुद्धनगर में इसकी साइट विकसित की गई है. साइट पर प्रॉपर्टी की डिटेल भरने के बाद स्टांप ड्यूटी अदा करते ही लीज डीड की प्रिंट कॉपी मिल जाएगी. पोर्टल पर रेंट डिटेल डालते ही स्टांप ड्यूटी का ऑटोमैटिक कैलकुलेशन हो जाएगा. इसके लिए किराएदारों को कहीं जाने की भी जरूरत नहीं होगी, अपने लैपटॉप, डेस्कटॉप या मोबाइल से ही वह ये काम कर सकेंगे. इससे न सिर्फ किराएदारों को राहत मिलेगी, बल्कि कहीं से भी और कभी भी इसके जरिए किरायानामा बनाया जा सकेगा. ग्राहक यहां लॉग इन कर सकते हैं,  www.gbnagar.nic.in portal
 

सिर्फ गौतमबुद्ध नगर जिले से सालाना मिलेगा 54 करोड़ का राजस्व 
सरकार का मानना है कि यह नई व्यवस्था प्रदेश के लिए राजस्व प्राप्ति का भी एक जरिया बनेगी. सरकारी आंकड़ों की माने तो गौतम बुद्धनगर में मौजूदा व्यवस्था के तहत प्रतिवर्ष कम से कम 1.5 लाख लीज डीज होती हैं. स्टांप ड्यूटी के जरिए इस प्रक्रिया से प्रति वर्ष 1.5 करोड़ का राजस्व हासिल होता है. वहीं, प्रस्तावित लीज डीड के जरिए प्रत्येक 15 हजार से ज्यादा मासिक किराए पर 2 फीसदी स्टांप ड्यूटी के जरिए 3600 रुपये हासिल होंगे. कुल मिलाकर सरकार को सिर्फ गौतमबुद्ध नगर से 54 करोड़ रुपए सालाना राजस्व के तौर पर मिलेंगे. अगर यह व्यवस्था पूरे राज्य में लागू होती है तो सरकार को बड़ी मात्रा में राजस्व मिलेंगे. 
 

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