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फेक..फेक..फेकः डिजिटल यूनिवर्सिटी ऑफ स्किल रिसर्जेंस में छात्र न लें दाखिलाः UGC

Fake University विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने मंगलवार को छात्रों को आगाह किया है कि महाराष्ट्र के स्वयंभू विश्वविद्यालय डिजिटल यूनिवर्सिटी ऑफ स्किल रिसर्जेंस (Digital University of Skill Resurgence) एक फर्जी संस्थान है, इसमें कोई भी छात्र दाखिला न लें, इसकी डिग्री मान्य नहीं है. 

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Zee Media Bureau|Updated: Jul 19, 2022, 10:19 PM IST

नई दिल्लीः विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने मंगलवार को छात्र-छात्राओं को महाराष्ट्र के डिजिटल यूनिवर्सिटी ऑफ स्किल रिसर्जेंस (Digital University of Skill Resurgence) में दाखिला लेने को लेकर खबरदार किया है. यूजीसी ने संस्थान को गैर मान्यता प्राप्त ‘स्वयंभू विश्वविद्यालय’ करार देते हुए कहा है कि यह संस्थान छात्रों को डिग्री देने के लिए अधिकृत नहीं है. यूजीसी सचिव रजनीश जैन ने कहा, “यूजीसी के संज्ञान में आया है कि ‘डिजिटल यूनिवर्सिटी ऑफ स्किल रिसर्जेंस’ (Online Meta University), रिंग रोड, वर्धा (महाराष्ट्र) छात्रों को विभिन्न पाठ्यक्रमों की पेशकश कर रहा है. यह यूजीसी अधिनियम 1956 का खुलेआम उल्लंघन है.” 

इसे डिग्री प्रदान करने का अधिकार नहीं 
यूजीसी एक्ट 1956 की धारा 22 के मुताबिक, डिग्रियां प्रदान करने या स्वीकृत करने के हक का इस्तेमाल सिर्फ एक ऐसे विश्वविद्यालय द्वारा किया जाएगा, जो किसी केंद्रीय अधिनियम या प्रांतीय अधिनियम या राज्य अधिनियम द्वारा या उसके तहत स्थापित किया गया हो या फिर जिसे धारा 3 के तहत संसद के किसी कानून के तहत डिग्रियां प्रदान करने के लिए विशिष्ट रूप से अधिकृत किया गया है.

डिग्री देने का हक सिर्फ ऐसे संस्थानों को है 
जैन ने कहा, “डिजिटल यूनिवर्सिटी ऑफ स्किल रिसर्जेंस (Digital University of Skill Resurgence) विश्वविद्यालयों की सूची में न तो धारा (2)1 और न ही धारा 3 के तहत सूचीबद्ध है, न ही उसे यूजीसी एक्ट 1956 की धारा 22 के तहत डिग्रियां प्रदान करने के लिए अधिकृत किया गया है.” उन्होंने कहा कि केंद्रीय कानून, प्रांतीय कानून या राज्य कानून द्वारा या उसके तहत स्थापित या निगमित विश्वविद्यालय के अलावा कोई भी संस्थान, फिर चाहे वो कॉर्पोरेट निकाय हो या नहीं, किसी भी तरह से अपने नाम में ‘विश्वविद्यालय’ शब्द का इस्तेमाल करने का हकदार नहीं होगा.’’ 
उल्लेखनीय है कि इस विश्वविद्यालय का कोई वजूद नहीं है. यह सिर्फ ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर दिखता है और इसके नाम पर छात्रों से मोटी फीस लेकर उन्हें कई तरह के कोर्स ऑनलाइन कराए जा रहे हैं. इसमें देश के कई प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटीज के प्रोफेसर जुड़े हुए हैं, जो ऑनलाइन कक्षाओं का आयोजन कर रहे हैं. 

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