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Tomato Price Hike: इन शहरों में मिल रही है टमाटर पर भारी छूट, कम हुई टमाटर की लालरी

Tomato Price Hike: टमाटर की कीमत सातवें आसमान पर है. टमाटर की कीमत बढ़ने से लोगों के बजट पर असर पड़ रहा है. इस बीच एक अच्छी खबर सामने आई है. इन शहरों में टमाटर पर भारी छूट मिल रही है. 

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 Tomato Price Hike: इन शहरों में मिल रही है टमाटर पर भारी छूट, कम हुई टमाटर की लालरी
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Zee Salaam Web Desk|Updated: Jul 16, 2023, 11:04 AM IST

Tomato Price Hike: टमाटर की आसमान छूती कीमतों के जवाब में केंद्र ने देश भर में विभिन्न स्थानों पर टमाटरों पर छूट देने की पेशकश करके उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए कदम उठाया है. राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता महासंघ (NCCF) और राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन महासंघ को वैन के माध्यम से टमाटर बेचने का काम सौंपा गया है. टमाटर की रियायती कीमतें शुक्रवार से प्रभावी हो गई है.

उपभोक्ता मामलों के विभाग सचिव रोहित कुमार सिंह ने ट्वीट कर लिखा कि "दिल्ली में इन स्थानों पर टमाटर की रियायती बिक्री शनिवार 15 जुलाई को नोएडा के स्थानों को अंतिम रूप दिया जा रहा है. 15 जुलाई से लखनऊ और कानपुर में 15 मोबाइल वैन के साथ सुबह 11 बजे से बिक्री शुरू होगी.''
 
इन शहरों में टमाटर पर मिल रहा है डिस्काउंट
फ़रीदाबाद, गुरुग्राम, रिंग रोड, ग्रेटर कैलाश पार्ट 1, शाहीन बाग, साउथ एवेन्यू, नॉर्थ एवेन्यू, द्वारका, महरौली, हौज़ खास, मायापुरी, पीतमपुरा, रोहिणी सेक्टर 20, मयूर विहार, पटपड़गंज, तिमारपुर, त्रिलोक पुरी, शालीमार बाग, और नांगलोई के मार्केट में टमाटर पर डिस्काउंट मिल रहा है.  वहीं लखनऊ के भूतनाथ मार्केट, डंडइया मार्केट, नवीन मंडी स्थल के सामने, सीतापुर रोड, जवाहर भवन, तेरहीपुलिया, गोले मार्केट, चौक, विभूति कांड, गोमती नगर, कैसर बाग, राजाजीपुरम और मुंसी पुलिया में भी छूट मिल रही है.

आज टमाटर के दाम
देश में टमाटर की मौजूदा कीमतें चिंताजनक स्तर पर पहुंच गई है. उपभोक्ता मामलों के विभाग के मुताबिक देशभर में टमाटर की औसत कीमत 117 रुपये प्रति किलोग्राम है. विभिन्न शहरों में जैसे दिल्ली में 178 रूपया किलो, मुंबई में 150 रूपया किलो, चेन्नई में 132 रूपया किलो और रांची में 100 रूपया किलोग्राम है.

टमाटर की कीमतें इतनी अधिक क्यों है. 
टमाटर की कीमतों में उतार और चढ़ाव के लिए विभिन्न कारक जिम्मेदार हो सकते है. टमाटर की कटाई का चरम मौसम दिसंबर से फरवरी तक होता है. हालांकि जुलाई और अगस्त और अक्टूबर और नवंबर के दौरान टमाटर का उत्पादन आमतौर पर कम होता है. इस वर्ष प्रभाव विशेष रूप से गंभीर रहा है. जिसके कारण कमी हुई और बाद में कीमतों में बढ़ोतरी हुई है.

हालांकि टमाटर की खेती पूरे भारत में की जाती है. लेकिन दक्षिणी और पश्चिमी क्षेत्रों में घरेलू उत्पादन का बड़ा हिस्सा होता है. जो कुल उत्पादन में लगभग 56%  से 58% का योगदान देता है. ये क्षेत्र उत्पादन मौसम के आधार पर अन्य बाजारों में टमाटर की आपूर्ति करते हैं. दुर्भाग्य से जुलाई में मानसून का मौसम कम उत्पादन के साथ मेल खाता है. जिससे आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधान बढ़ जाता है और पारगमन घाटा बढ़ जाता है. जिससे कीमतें और बढ़ जाती है.

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