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SC ने वृद्ध दंपती की तलाक़ को मंज़ूरी देने से किया इनकार; बताई ये वजह

Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने 27 साल पुराने एक वैवाहिक विवाद का निपटारा करते हुए एक दंपती की तलाक को मंजूरी नहीं दी. उच्चतम न्यायालय ने कहा कि अदालतों में तलाक की अर्जी दायर करने की बढ़ती प्रवृत्ति के बावजूद भारतीय समाज में आज भी शादी को एक अहम और पाक रिश्ता माना जाता है.

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SC ने वृद्ध दंपती की तलाक़ को मंज़ूरी देने से किया इनकार; बताई ये वजह
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Sabiha Shakil|Updated: Oct 12, 2023, 11:14 PM IST

Supreme Court Rejected Divorce Petition: सुप्रीम कोर्ट ने 27 साल पुराने एक वैवाहिक विवाद का निपटारा करते हुए एक दंपती की तलाक को मंजूरी नहीं दी. उच्चतम न्यायालय ने कहा कि अदालतों में तलाक की अर्जी दायर करने की बढ़ती प्रवृत्ति के बावजूद भारतीय समाज में आज भी शादी को एक अहम और पाक रिश्ता माना जाता है. जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस बेला एम. त्रिवेदी की बेंच ने पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ 89 साल के एक शख्स द्वारा दायर अपील को खारिज कर दिया, जिसमें चंडीगढ़ की जिला अदालत के तलाक मंजूर करने संबंधी आदेश को पलट दिया गया था. जिसमें उनकी बीवी की उम्र 82 साल है.

तलाकशुदा होने का दाग़ मंज़ूर नहीं: SC
बेंच ने कहा कि हमारी राय में, किसी को भी इस हकीकत से अनजान नहीं होना चाहिए कि शादी का समाज में एक अहम रोल है. समाज में वैवाहिक रिश्तों के जरिये कई और दूसरे रिश्ते बनते हैं. बेंच ने 10 अक्टूबर के अपने आदेश में कहा, "प्रतिवादी (पत्नी) अभी भी अपने पति की देखभाल करने के लिए तैयार है और उम्र के इस पड़ाव पर उन्हें अकेला नहीं छोड़ना चाहती है. उन्होंने अपने जज्बात भी जाहिर किये हैं कि वह तलाकशुदा महिला होने का दाग लेकर मरना नहीं चाहतीं, हालांकि, समकालीन समाज में, यह एक कलंक नहीं हो सकता है लेकिन हम उनकी भावना से चिंतित हैं.

दोनों के बीच बढ़ी दूरियां
बेंच की तरफ से फैसला लिखने वाले जस्टिस त्रिवेदी ने कहा कि पति, जो एक योग्य चिकित्सक है और इंडियन एयरफोर्स से रिटायर्ट हैं, उन्होंने सेवानिवृत शिक्षिका अपनी पत्नी की 'क्रूरता' की बुनियाद पर मार्च 1996 में हिंदू मैरिज एक्ट के तहत तलाक की कार्यवाही शुरू की थी. इस शख्स ने इल्जाम लगाया कि उसकी अलग रह रही बीवी ने उसके साथ उस वक्त गलत व्यवहार किया और जब उसका ट्रांसफर मद्रास हो गया था और वह उनके साथ नहीं आई. उन्होंने दावा किया था कि पत्नी ने उनकी छवि खराब करने के लिए एयरफोर्स अधिकारियों से उनके खिलाफ शिकायतें की थीं.

महिला नहीं चाहती तलाक़
महिला इस रिश्ते को निभाना चाहती है. इस जोड़े ने 10 मार्च, 1963 को अमृतसर में सिख रीति-रिवाजों के मुताबिक शादी की थी और उनके तीन बच्चे हैं. बेंच ने कहा कि उनके बीच रिश्ते ठीक थे लेकिन रिश्तों में खटास तब समय आई जब जनवरी 1984 में पति का ट्रांसफर मद्रास में हुआ और पत्नी उनके साथ नहीं आई. शीर्ष अदालत ने कहा कि कोशिशों के बावजूद विवाद का समाधान नहीं हो पाया, जिसकी वजह से पति को 12 मार्च, 1996 को जिला अदालत के सामने तलाक की अर्जी दायर करनी पड़ी.

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