Sudha Murty in Rajya Sabha: फिलोन्थ्रोपिस्ट और लेखिका सुधा मूर्ति ने मंगलवार को राज्यसभा में अपने पहले भाषण में सर्वाइकल कैंसर से निपटने के लिए सरकार के जरिए टीकाकरण कार्यक्रम की मांग की और घरेलू पर्यटन को बढ़ावा देने की भी वकालत की. सुधा मूर्ति को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति द्वारा राज्यसभा के लिए नामित किया गया था.
इंफोसिस के सह-संस्थापक नारायण मूर्ति की पत्नी और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक की सास सुधा मूर्ति ने कहा, "नौ से 14 साल की उम्र के बीच की लड़कियों को एक टीका लगाया जाता है, जिसे सर्वाइकल कैंसर वैक्सीनेशन के नाम से जाना जाता है. अगर लड़कियां इसे लें, तो इससे (कैंसर से) बचा जा सकता है. हमें अपनी लड़कियों के लाभ के लिए टीकाकरण को बढ़ावा देना चाहिए, क्योंकि रोकथाम इलाज से बेहतर है."
अपने पिता का हवाला देते हुए परोपकारी महिला ने कहा कि जब एक मां की मौत होती है तो उसे अस्पताल में एक मौत के रूप में गिना जाता है, लेकिन परिवार के लिए मां हमेशा के लिए खो जाती है. सुधा मूर्ति ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान बोलते हुए कहा कि सरकार ने “कोविड के दौरान एक बहुत बड़ा टीकाकरण अभियान” संभाला है, इसलिए 9-14 वर्ष की आयु वर्ग की लड़कियों को गर्भाशय ग्रीवा का टीकाकरण प्रदान करना बहुत मुश्किल नहीं होगा.
इसे सरकार कम दामों पर करा सकती है उपलब्ध
सुधा मूर्ति ने कहा कि सर्वाइकल कैंसर का टीकाकरण पश्चिम में विकसित किया गया है, और पिछले 20 सालों से इसका इस्तेमाल किया जा रहा है. उन्होंने कहा,"यह बहुत अच्छा काम करता है. यह महंगा नहीं है. आज मेरे जैसे लोगों के लिए यह ₹1,400 है जो इस क्षेत्र में हैं. अगर सरकार हस्तक्षेप करती है और बातचीत करती है... तो आप इसे ₹700-800 तक ला सकते हैं. हमारी आबादी बहुत बड़ी है. यह भविष्य में हमारी लड़कियों के लिए फायदेमंद होगा."
राजीव शुक्ला, जो अध्यक्ष पद पर थे, उन्होंने केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव से स्वास्थ्य मंत्री तक यह संदेश पहुंचाने को कहा है.
घरेलू पर्यटन पर बोलते हुए सुधा मूर्ति ने कहा कि 57 घरेलू पर्यटन स्थल हैं जिन्हें विश्व धरोहर स्थल माना जाना चाहिए. इनमें कर्नाटक के श्रवणबेला गोला में बाहुबली की मूर्ति, लिंगराज मंदिर, त्रिपुरा में उनाकोटि की चट्टान की नक्काशी, महाराष्ट्र में शिवाजी किले, मितावली में चौसठ योगिनी मंदिर, गुजरात में लोथल और गोल गुंबद आदि शामिल हैं.
मूर्ति ने कहा, "भारत में 42 विश्व धरोहर स्थल हैं, लेकिन 57 लंबित हैं... हमें उन 57 स्थलों के बारे में चिंता करनी चाहिए." उन्होंने कहा कि श्रीरंगम के मंदिर अद्भुत हैं और सारनाथ के 2500 साल पुराने स्मारकों का समूह अभी भी विश्व धरोहर स्थलों में शामिल नहीं है."