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Rajasthan Political Crisis: नहीं लड़ेंगे कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव, डेढ़ घंटे चली मीटिंग के बाद बोले अशोक गहलोत

Rajasthan Political Crisis: राजस्थान का सियासी संकट जारी है. इस सिलसिले में सीएम अशोक गहलोत सोनिया गांधी से मिलने 10 जनपथ पहुंचे. ऐसा माना जा रहा है कि दोनों नेताओं की मुलाक़ात के बाद तस्वीर साफ हो सकती है.

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Rajasthan Political Crisis: नहीं लड़ेंगे कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव, डेढ़ घंटे चली मीटिंग के बाद बोले अशोक गहलोत
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Sabiha Shakil|Updated: Sep 29, 2022, 03:37 PM IST

Rajasthan Political Crisis: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने साफ किया है कि वह कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव नहीं लड़ेंगे. उन्होंने सोनिया गांधी से डेढ़ घंटे तक चली बातचीत के बाद इस बात का इजहार किया. गहलोत ने कहा कि "पिछले दिनों की घटना ने हम सब को हिलाकर रख दिया. पूरे देश में मैसेज गया कि मैं मुख्यमंत्री बना रहना चाहता हूं, मैंने सोनिया गांधी से माफी मांगी है. मैंने पिछले 50 साल तक कांग्रेस के लिए वफादारी के साथ काम किया, मैं सोनियां गाधी के आशीर्वाद से तीसरी बार सीएम बना."

अशोक गहलोत के पीछे हटने के बाद माना जा रहा है कि कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह और शशि थरूर में मुकाबला होगा. कांग्रेस के सीनियर लीडर दिग्विजय सिंह कल कांग्रसे के अध्यक्ष पद के लिए लिए पर्चा दाख़िल करेेंगे.

कांग्रेस अध्यक्ष पद चुनाव के हंगामे और राजस्थान संकट के बीच सीएम अशोक गहलोत सोनिया गांधी से मुलाक़ात करने 10 जनपथ पहु्ंचे थे. इस मुलाकात से पहले सोनिया गांधी से पार्टी के लीडर केसी वेणुगोपाल ने मुलाक़ात की, वहीं जोधपुर हाउस में मुकुल वासनिक ने राजस्थान सीएम अशोक गहलोत से मुलाक़ात की थी. 

हम कांग्रेस अध्यक्ष के अधीन काम करते हैं: गहलोत

गहलोत बुधवार की रात दिल्ली पहुंचे और सोनिया गांधी की अगुवाई की सराहना की. सीएम गहलोत ने उम्मीद जताई कि 'घर की बातों' को सुलझा लिया जाएगा'. पार्टी की राजस्थान इकाई में संकट पैदा होने के बाद गहलोत पहली बार दिल्ली पहुंचे. आशंका इस बात पर भी बनी हुई है कि क्या वह सोनिया गांधी से मुलाक़ात के बाद नामांकन पत्र भरेंगे या नहीं. दिल्ली पहुंचने के बाद उन्होंने मीडिया से कहा, हम कांग्रेस अध्यक्ष के अधीन काम करते हैं. आने वाले समय में उसके अनुसार निर्णय लिए जाएंगे.

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'कांग्रेस के अंदर अनुशासन है'

गहलोत ने कहा कि मीडिया को देश के मुद्दों को पहचानना चाहिए, लेखकों, पत्रकारों को देशद्रोही कहा जा रहा है और जेल में डाल दिया गया है हमें उनकी चिंता है. ये हमारी पार्टी की परम्परा आज भी है, 50 साल से देख रहा हूं, नबर वन जो होता है वो है कांग्रेस प्रेसिडेंट, इंदिरा जी के वक़्त से मैं देख रहा हूं, राजीव जी के समय से मैं देख रहा हूं, चाहे नरसिम्हा राव जी थे, सोनिया गांधी जी कांग्रेस प्रेसिडेंट हैं, हमेशा कांग्रेस के अंदर अनुशासन है.

बता दें कि कांग्रेस सद्र ओहदे के चुनाव के लिए अधिसूचना 22 सितंबर को जारी की गई और नामांकन पत्र दाखिल करने का अमल 24 सितंबर से शुरू हुई, जो 30 सितंबर तक चलेगा. एक से अधिक उम्मीदवार होने पर 17 अक्टूबर को वोटिंग होगी और नतीजों का ऐलान 19 अक्टूबर को किया जाएगा.

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