Kashmir Killings: कश्मीर के सीनियर मुफ्ती नसीर-उल-इस्लाम ने घाटी में हुई हत्याओं पर अपना दर्द व्यक्त करते हुए कहा है कि वे तीन दशकों से कश्मीरी पंडितों की वापसी की मांग कर रहे थे. उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के मुख्य अल्पसंख्यक समुदाय को नहीं जाना चाहिए और हमारे साथ रहना चाहिए.
एएनआई से बात करते हुए, ग्रैंड मुफ्ती ने कश्मीरी पंडितों की घाटी में वापसी के बारे में बात की. उन्होने कहा कि कश्मीरी पंडियों को यहां से नहीं जाना चाहिए और यहीं रहना चाहिए. हम पिछले 30 सालों से उनकी वापसी के लिए रो रहे हैं. अब वह लौट आए हैं और अह उन्हें शांति और सम्मान के साथ रहना चाहिए.
आपको बता दें पिछले कुछ वक्त से कश्मीर में आतंकियों द्वारा टारगेटिड किलिंग्स की जा रहा हैं. जिसमें ज्यादातर कश्मीरी पंडित शिकार हो रहे हैं. सीनियर मुफ्ती ने यह भी कहा कि इस्लाम और दूसरे मजहब हर इंसान की सुरक्षा पर जोर देते हैं. घाटी में हिंसा पर दुख व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि कश्मीर घाटी में इंसानों का खून सस्ता हो गया है.
उन्होंने कहा, "जहां भी हम निर्दोषों का खून बहाते हुए देखते हैं, हम इसकी निंदा करते हैं. यह शर्मनाक है. लोगों में संदेह है, वे जांच चाहते हैं. मुझे लगता है कि किसी भी परिस्थिति में इंसानों और मानवता का खून बहाना सही नहीं है." मुफ्ती ने कहा- "हर हत्या निंदनीय है और यह एक जघन्य अपराध है. मुझे ऐसी हत्याएं देख कर दुख पहुंचता है. मैं चाहता हूं कि लोग यह समझें कि हमें समुदायों के बीच भाईचारा बनाए रखना है. हमें बदमाशों को अविश्वास का माहौल बनाने की अनुमति नहीं देनी चाहिए.".
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