Olympic 2024: ओलंपिक ओपनिंग सेरेमनी की काफी आलोचना हो रही है. एक्टर पॉलीटिशियन कंगना रनौत का भी इस मसले को लेकर बयान आया है. उनके अलावा कई दिग्गजों ने इस ओपनिंग सेरेमनी की आलोचना की है. कंगना ने पेरिस ओलंपिक के आयोजकों की इस बात के लिए आलोचना की है कि उन्होंने उद्घाटन समारोह में एक ऐसा कार्यक्रम शामिल किया जिसमें ड्रैग क्वीन्स ने लियोनार्डो दा विंची की पेंटिंग "द लास्ट सपर" की नकल की थी.
ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व 117 एथलीट कर रहे हैं, शुक्रवार शाम को फ्रांस की राजधानी में लगभग चार घंटे लंबे भव्य उद्घाटन समारोह के साथ शुरू हुई. आयोजकों को 18 कलाकारों के ड्रैग एक्ट के लिए सोशल मीडिया पर काफी आलोचना का सामना करना पड़ा, जिसमें तीन फेमस ड्रैग रेस फ्रांस क्वीन्स भी शामिल थीं, जिन्होंने सीन नदी और एफिल टॉवर की पृष्ठभूमि में एक लंबी मेज के पीछे पोज दिए थे.
मेज पर एक बड़ी ट्रे रखी हुई थी, जिसके अन्दर एक चमकदार नीले रंग में रंगा हुआ, कम कपड़े पहने एक आदमी बैठा हुआ था. अपने इंस्टाग्राम स्टोरीज पर एक पोस्ट में, रनौत ने इस काम की आलोचना करते हुए इसे "द लास्ट सपर" का "अति-कामुक, ईशनिंदापूर्ण प्रस्तुतीकरण" बताया, जो दुनिया के सबसे फेमस आर्टवर्क में से एक है, जिसमें यीशु के क्रूस पर चढ़ने से पहले यरूशलेम में उनके चाहने के साथ उनके आखिरी खाने को दर्शाया गया है.
रनौत ने प्रदर्शन में एक बच्चे को शामिल करने के लिए आयोजकों की भी आलोचना की है. उन्होंने लिखा,"उन्होंने नीले रंग से रंगे एक नंगे शख्स को यीशु के रूप में दिखाया और ईसाई धर्म का मज़ाक उड़ाया. वामपंथियों ने ओलंपिक 2024 को पूरी तरह से हाईजैक कर लिया है. शर्मनाक है,"
कंगना आगे लिखती हैं,"मैं समलैंगिकता के खिलाफ नहीं हूं, लेकिन यह मेरी समझ से परे है कि ओलंपिक का किसी सेक्सुआलिटी से क्या संबंध है? क्यों खेल, मानव उत्कृष्टता का दावा करने वाले सभी देशों की खेलों में भागीदारी को सेक्स के जरिए प्रतिस्थापित किया जा रहा है? क्यों सेक्स हमारे बेडरूम तक सीमित नहीं रह सकता? क्यों इसे राष्ट्रीय पहचान बना दिया जाना चाहिए?.. यह विचित्र है !!"
ऑर्गनाइजर्स ने ओपनिंग सेरेमनी में यह सब शामिल करने के पीछे का कारण बताया है. उन्होंने पेस्ट पर लिखा,"ओलंपिक: यूनानी देवता डायोनिसस की व्याख्या हमें मनुष्यों के बीच हिंसा की मूर्खता से अवगत कराती है.
इससे पहले, अरबपति एलन मस्क ने एक्स पर एक पोस्ट में इस प्रदर्शन की आलोचना करते हुए इसे "ईसाइयों के प्रति अत्यंत अपमानजनक" कहा था.