Jammu and Kashmir Elections 2024: जम्मू-कश्मीर में पिछले 10 साल बाद विधानसभा इलेक्शन होने हैं. इस बीच नेशनल कॉन्फ्रेंस के चीफ फारूक अब्दुल्ला ने 8 सितंबर को बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि शांति सड़कों पर बिना किसी सशस्त्र सेना के होनी चाहिए, जब उनसे केंद्र के जम्मू-कश्मीर में शांति दावे के बारे में पूछा गया कि जम्मू-कश्मीर में सामान्य स्थिति लौट आई है?
उन्होंने एक निजी न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू के दौरान उन्होंने कहा, "आपके पास यहां कितने सैनिक हैं? कितने बल हैं? सड़कों पर जाकर देखें कि वे कितने सशस्त्र हैं. क्या यही शांति है? शांति इन सैनिकों के बिना होनी चाहिए."
जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनावों से पहले फारूक अब्दुल्ला ने इलाके के राज्य के दर्जे की बहाली की वकालत की. जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा पर कटाक्ष करते हुए अब्दुल्ला ने कहा, "मैं पूर्ण राज्य का दर्जा चाहता हूं. फौरन हमें दिल्ली के वायसराय के अधीन क्यों रहना चाहिए? वह कुछ भी आदेश दे सकते हैं. वह कुछ भी बदल सकते हैं."
कांग्रेस के साथ नहीं हैं कोई मजबूरी- फारूक अब्दुल्ला
पूर्व मुख्यमंत्री ने यह टिप्पणी तब की जब उनसे पूछा गया कि क्या कांग्रेस के साथ गठबंधन विधानसभा चुनावों के बाद जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल करने में मदद करेगा. अब्दुल्ला ने कहा कि कांग्रेस के साथ उनकी पार्टी का गठबंधन कोई मजबूरी नहीं है, बल्कि जम्मू-कश्मीर के विकास और केंद्र शासित प्रदेश को राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए समय की जरूरत है.
बीजेपी पर बोला हमला
बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा, "उन्होंने हमें छोटा कर दिया है. जब से भारत स्वतंत्र हुआ है, मैंने कभी नहीं देखा कि जम्मू-कश्मीर के अलावा किसी दूसरे राज्य को केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया हो. मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि क्या वे यह कह रहे थे कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के लिए अनुच्छेद 370 जिम्मेदार है. क्या उन्होंने आतंकवाद को नियंत्रित किया है? अब तक पांच साल हो चुके हैं, जब से उनका राज्य पर पूरा नियंत्रण था."
मजहब के नाम पर लोगों को बांट रहे हैं
अब्दुल्ला ने कहा कि भाजपा देश को धार्मिक आधार पर बांटने की कोशिश कर रही है. मेरी समस्या उन चीजों के संदर्भ में है जो वे अब कर रहे हैं. जिस तरह से वे लोगों को धार्मिक आधार पर अलग करने की कोशिश कर रहे हैं."