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क्या UP में 'विकास दूबे मॉडल’ को लागू कर रही है पुलिस; SP-BSP तक पहुंची खौफ की आंच ?

बहुजन समाज पार्टी की सद्र मायावती और समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता राम गोपाल यादव ने यूपी सरकार के अपराधियों को पकड़कर ठोकने की नीति पर सवाल उठाते हुए इसे कानून के शासन के खिलाफ बताया है और ऐसे पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमा चलाने की बात कही है. 

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 मायावती और समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता राम गोपाल यादव
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Hussain Tabish|Updated: Mar 08, 2023, 07:30 AM IST

लखनऊः बहुजन समाज पार्टी की सद्र मायावती ने मंगलवार को कहा है कि प्रयागराज में उमेश पाल हत्याकांड के बाद पुलिस द्वारा अब तक की गई कार्रवाई से जनता में कानून के राज को लेकर संदेह पैदा हो गया है, और पूरा देश देख रहा है कि क्या यूपी की सरकार अपराधियों को सड़क पर खत्म करने का तरीका अपनाएगी. मायावती ने उमेश पाल हत्याकांड मामले में पुलिस की कार्रवाई पर गम्भीर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा, "प्रयागराज में उमेश पाल हत्याकाण्ड के बाद प्रदेश में कानून के राज के प्रति भारी संदेह पैदा हो गया है. क्या सरकार अपनी नाकामियों पर पर्दा डालने के लिए दूसरा 'विकास दुबे काण्ड’ करेगी?’’

गौरतलब है कि वकास दुबे जुलाई 2020 में कानपुर देहात के बिकरू गांव में आठ पुलिसकर्मियों की घात लगाकर हत्या किए जाने के मामले में मुख्य आरोपी था. मध्यप्रदेश से कानपुर लाते वक्त रास्ते में पुलिस के साथ हुई कथित मुठभेड़ में वह मारा गया था. 

अतीक अहमद के बेटे की हत्या कर देगी पुलिस
उधर, समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव डॉक्टर राम गोपाल यादव ने प्रयागराज के उमेश पाल हत्याकांड मामले में आरोपी और बाहुबली पूर्व सांसद अतीक अहमद के एक बेटे की आने वाले दिनों में फर्जी मुठभेड़ में हत्या किए जाने की आशंका जाहिर की है. यादव ने इटावा के सैफई में कहा, ‘‘उमेश पाल और उसके दो सुरक्षाकर्मियों की हत्या के मामले में पुलिस को असल अपराधी नहीं मिले हैं. पुलिस पर दबाव है कि जो मिल जाए उसे पकड़कर मार दो. अतीक अहमद के दोनों लड़कों को पुलिस ने पकड़ लिया था. आप सब देख लेना एक दो दिन में उनमें से किसी एक की हत्या हो जाएगी." राम गोपाल यादव ने कहा, "जब देश का संविधान आदमी को जीवन जीने का मौलिक अधिकार देता है तो आप किसी की जान नहीं ले सकते हैं. विधि सम्मत तरीके के अलावा और कोई रास्ता नहीं है. जो लोग फर्जी एनकाउंटर करते हैं उन पर हत्या का मुकदमा दर्ज होता है.’’ 

फर्जी मुठभेड़ में मारे जाने की आशंका 
गौरतलब है कि गत 24 फरवरी को प्रयागराज में हथियारबंद बदमाशों ने पूर्व विधायक राजू पाल हत्याकांड के प्रमुख गवाह उमेश पाल और उसके दो सुरक्षाकर्मियों की ताबड़तोड़ गोली मारकर हत्या कर दी थी. इस मामले में उमेश पाल की पत्नी जया पाल की शिकायत पर पूर्व सांसद अतीक अहमद, उसके भाई अशरफ, उसकी पत्नी शाइस्ता परवीन, उसके दो बेटों, उसके साथी गुड्डू मुस्लिम और गुलाम और नौ अन्य लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था. इस मामले में कथित तौर पर शामिल अरबाज और विजय चौधरी को 27 फरवरी और छह मार्च को पुलिस के साथ हुई कथित मुठभेड़ में मार गिराया गया है. इसके बाद अतीक अहमद के परिजन ने सोमवार को प्रयागराज में अहमद, उसके भाइयों और बेटों को फर्जी मुठभेड़ में मारे जाने की आशंका जाहिर करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मदद की गुहार लगाई थी. 

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