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Manipur: छात्रों के शवों की तस्वीरें वायरल, लेकिन नहीं अभी तक मिली डेड बॉडी; सरकार बोली..

Manipur: मणिपुर में इंटरनेट बहाल होने के बाद दो स्टूडेंट्स की डेड बॉडी की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं. इससे पहेल उन्हें एक कैंप में देखा गया था.

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Manipur: छात्रों के शवों की तस्वीरें वायरल, लेकिन नहीं अभी तक मिली डेड बॉडी; सरकार बोली..
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Sami Siddiqui |Updated: Sep 26, 2023, 09:23 AM IST

Manipur: हिंसा प्रभावित मणिपुर में मोबाइल इंटरनेट बहाल होने के बाद जुलाई में लापता हुए दो छात्रों की लाश की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है. इस मामले में मणिपुर सरकार ने जल्द से जल्द कार्रवाई करने की बात कही है. अपने एक बयान में मणिपुर के चीफ मिनिस्टर ऑफिस ने कहा है कि केस को सीबीआई को सौंप दिया गया है. दो छात्रों की पहचान Hijam Linthoingambi (17) और  Phijam Hemjit (20) के तौर पर हुई है.

मणिपुर के सीएम ऑफिस ने क्या कहा?

मणिपुर सीएम ऑफिस ने कहा है,"राज्य सरकार के संज्ञान में आया है कि जुलाई, 2023 से लापता दो छात्रों, फिजाम हेमजीत (20 वर्ष) और हिजामलिन्थोइनगांबी (17 वर्ष) की तस्वीरें सोशल मीडिया पर सामने आई हैं. गौरतलब है कि राज्य के लोगों की मरजी के मुताबिक यह मामला पहले ही सीबीआई को सौंप दिया गया है."

सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो

जो तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो गई हैं, उनमें दो छात्र घास वाले कैंप में बैठे हुए हैं, जो एक आर्म ग्रुप का अस्थायी जंगल कैंप महसूस होता है. सीएम की ओर से जारी किए गए बयान में कहा गया है कि मणिपुर पुलिस, केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों की मदद से, उनके लापता होने के आसपास की परिस्थितियों का पता लगाने और अपराधियों की पहचान करने के लिए जांच कर रही है. उन्होंने बताया है कि सिक्योरिटी फोर्सेज ने सर्च ऑपरेशन चलाया हुआ है.

सीएमओ की ओर से जारी किए गए बयान में कहा गया है, "इस मुश्किल भरे हालातों के जवाब में, सरकार जनता को आश्वासन देती है कि फ़िज़ाम हेमजीत और हिजामलिन्थोइंगम्बी के अपहरण और हत्या में शामिल सभी लोगों के खिलाफ त्वरित और निर्णायक कार्रवाई की जाएगी. सरकार न्याय सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है और इस अपराध के लिए जिम्मेदार पाए जाने वाले किसी भी अपराधी को कड़ी सजा देगी.

कोर्ट के आदेश के बाद हिंसा

मई में हाई कोर्ट के एक आदेश के बाद मणिपुर में हिंसा भड़क गई थी. कोर्ट के इस आदेश में राज्य सरकार को गैर-आदिवासी मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजातियों की लिस्ट में शामिल करने पर विचार करने का निर्देश दिया गया था. इस हिंसा में सैकड़ों लोगों की जान गई थी और कई सौ लोग घायल हुए थे.

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