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Manipur CM Convoy Attack Update: मणिपुर सीएम के काफिले पर हमला, सामने आया हैरान कर देने वाला वीडियो

Manipur CM Convoy Attacked: मणिपुर के सीएम के काफिले पर हमला हुआ है. जिसमें, एक सुरक्षाकर्मी और एक ड्राइवर घायल हो गए हैं और उन्हें हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है. पढ़ें पूरी खबर

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Manipur CM Convoy Attack Update: मणिपुर सीएम के काफिले पर हमला, सामने आया हैरान कर देने वाला वीडियो
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Sami Siddiqui |Updated: Jun 11, 2024, 12:01 PM IST

Manipur CM Convoy Attacked: मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के काफिले पर सोमवार को इम्फाल से तनावग्रस्त जिरीबाम जाते समय कांगपोकपी जिले में हथियारबंद उग्रवादियों ने घात लगाकर हमला किया. इस हमले में मणिपुर पुलिस का एक सुरक्षाकर्मी और एक सिविल ड्राइवर घायल हो गए.

सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो

अब एक वीडियो सामने आया है, जिसमें इस हमले को कैद किया गया है, जिसमें कई गोलियों की आवाज सुनी जा सकती है, जबकि बैकग्राउंड में एक शख्स चिल्लाता  हुआ दिख रहा है. रिपोर्टों से पता चलता है कि पिछले छह महीनों में मुख्यमंत्री कार्यालय से डीसीपी को कई खुफिया जानकारी और चेतावनियों के बावजूद, मणिपुर पुलिस सूचना पर कार्रवाई करने या हिंसा की घटनाओं को रोकने में विफल रही है.

मणिपुर पुलिस ने क्या कहा?

मणिपुर पुलिस ने ट्वीट किया, "10 जून, 2024 को माननीय मुख्यमंत्री, मणिपुर की अग्रिम सुरक्षा टीम पर एनएच 37 (जिरीबाम रोड) पर कांगपोकपी जिले के कोटलेन के पास के सिनम गांव में संदिग्ध कुकी उग्रवादियों के जरिए घात लगाकर हमला किया गया, जिसमें मणिपुर पुलिस का एक जवान और एक नागरिक चालक घायल हो गए. सीनियर पुलिस अधिकारी और सुरक्षा बल घटनास्थल पर पहुंचे और दो घायल व्यक्तियों को बचाया और उन्हें इलाज के लिए ले जाया गया."

कहां से शुरू हुई हिंसा

यह हमला इलाके में बढ़ती हिंसा के दौरान हुआ है. हिंसा में हालिया उछाल 6 जून को शुरू हुआ, जब 59 साल के मैतेई किसान सोइबाम सरतकुमार सिंह का शव मिला, जो कई हफ़्तों से लापता था. जिरीबाम में सिंह का शव मिलने के बाद कुछ सरकारी कार्यालयों सहित लगभग 70 घरों को आग लगा दी गई तथा सैकड़ों नागरिक इलाका छोड़ कर भाग गए.

पिछले साल से जारी है हिंसा

मणिपुर में पिछले साल से ही जातीय तनाव चल रहा है. अधिकारियों ने बताया कि 7 जून को जिरीबाम के बाहरी इलाकों से करीब 239 मीतेई लोगों को निकाला गया, जिनमें ज्यादातर महिलाएं और बच्चे थे और उन्हें एक खेल के मैदान में ले जाकर कैंप्ल में बसाया गया था.

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