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मलेशिया में हर पांच साल में बदलता है राजा, इस बार इस रियासत के शासक संभालेंगे गद्दी

Kuala Lumpur News: मलेशिया के शाही खानदानों ने जोहोर रियासत के शासक सुल्तान इब्राहिम इस्कंदर को देश का नया राजा चुना है.  इस्कंदर अब्दुल्ला सुल्तान अहमद शाह की जगह लेगें.  मलेशिया दुनिया में इकलौता देश है जहां इस तरह की व्यवस्था है.

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मलेशिया में हर पांच साल में बदलता है राजा, इस बार इस रियासत के शासक संभालेंगे गद्दी
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Md Amjad Shoab|Updated: Oct 27, 2023, 09:26 PM IST

Malaysia News: मलेशिया के शाही खानदानों ने जोहोर रियासत के शासक सुल्तान इब्राहिम इस्कंदर को देश का नया राजा चुना है. इसकी जानकारी 27 अक्टूबर को शाही महल के एक नुमाईंदे नी दी. महल के एक नुमाईंदे ने बताया कि इस्कंदर जिसकी उम्र 64 साल है, वह 31 जनवरी 2024 को पांच साल के लिए राजा का तख्त संभालेंगे.

इब्राहिम इस्कंदर को राजा चुना जाना लगभग पहले से तय था, क्योंकि देश के नौ रियासतों के शासकों के बीच स्थापित तरतीब की बुनियाद पर इस बार सिंगापुर की बॉर्डर से सटे जोहोर रियासत के शासक के राजा बनने की बारी थी. 

इब्राहिम पहांग रियासत के शासक सुल्तान अब्दुल्ला सुल्तान अहमद शाह की जगह लेगें. अहमद शाह जनवरी 2019 से तख्त संभाल रहे हैं, वह इस पद पर जनवरी 2024 तक बने रहेंगे. मलेशिया के नौ रियासतों के शासक बारी-बारी से पांच साल के लिए देश के राजा के पद पर बैठते हैं. मलेशिया दुनिया में इकलौता देश है जहां इस तरह की व्यवस्था है. मलेशिया को साल 1957 में ब्रिटेन से आजादी मिली थी. तब से लेकर राजा का ये व्यवस्था देश में बरकरार है.

 मलेशिया में राजा का किरदार आमतौर पर रस्मी होता है, क्योंकि एडमिनिस्ट्रेटिव पावर देश के पीएम और संसद के पास होती है. लेकिन राजा को खास तौर पर मुस्लिम बहुसंख्यकों के बीच इस्लाम और मलय रवायत का निगहबान समझा जाता है.

रस्मी किरदार होने के बावजूद राजा हाल के सालों में राजनीति में ज्यादा एक्टिव हो गए हैं. मौजूदा राजा सुल्तान अब्दुल्ला को पिछले कुछ सालों में यह तय करने के लिए हस्तक्षेप करना पड़ा कि पीएम कौन बनेगा. जिसमें साल 2018 के जेनरल इलेक्शन में त्रिशंकु संसद बनने के बाद अनवर इब्राहिम को पीएम के तौर पर नोमिनेटेड करना भी शामिल था. सुल्तान इब्राहिम ने खुद को राजा चुने जाने केबाद कहा, “ यह पदोन्नति नहीं है. यह एक जिम्मेदारी है, जिसे ग्रहण करने के लिए मैं तैयार हूं. जनता महेशा सर्वोपरि रहेगी.” 

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