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गरीबी नहीं है आत्महत्या की बड़ी वजह; एक साल में सबसे ज्यादा इस राज्य में सुसाइड के मामले

Maharashtra reports highest number of suicides: राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, देश भर में आत्महत्या के सर्वाधिक मामले महाराष्ट्र में दर्ज किए गए हैं. इसके बाद तमिलनाडु और मध्य प्रदेश का स्थान है.    

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Zee Media Bureau|Updated: Aug 29, 2022, 11:44 PM IST

नई दिल्लीः ऐसा माना जाता है कि गरीबी और अभाव के कारण सबसे ज्यादा लोग आत्महत्या करते हैं, लेकिन एनसीआरबी के हालिया आंकड़ें काफी चौंकाने वाले हैं. देश में समृद्ध माने जाने वाले राज्यों में आत्महत्या के मामले उन राज्यों के मुकाबले ज्यादा देखें गए हैं, जहां आबादी और गरीबी ज्यादा है. भारत में 2021 में महाराष्ट्र में आत्महत्या की सर्वाधिक घटनाएं हुईं हैं. तमिलनाडु और मध्य प्रदेश आत्महत्या के मामलों में दूसरे और तीसरे स्थान पर है. पूरे भारत में आत्महत्या के ऐसे कुल  1,64,033 मामले दर्ज किए गए.

इन वजहों से होती है सर्वाधिक आत्महत्याएं 
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की एक हालिया रिपोर्ट के मुताबिक, गरीबी और अभाव से ज्यादा दूसरे कारणों से लोगों ने आत्महत्याएं की हैं. पेशे या करिअर को लेकर समस्याएं, अलगाव की भावना, दुर्व्यवहार, हिंसा, पारिवारिक समस्याएं, मानसिक विकार, शराब की लत और वित्तीय नुकसान भारत में आत्महत्या की घटनाओं की बड़ी वजहों में शामिल हैं.

महाराष्ट्र में आत्महत्या के सबसे ज्यादा मामले 
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में 2020 में सुसाइड के कुल 1,53,052 मामले दर्ज किए गए, जबकि 2021 में सात फीसदी ज्यादा यानी कुल 1,64,033 मामले दर्ज किए गए थे. इसमें कहा गया है कि खुदकुशी की दर में 6.2 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है. एनसीआरबी की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले साल देश में महाराष्ट्र में आत्महत्या के सबसे ज्यादा, 22,207 मामले दर्ज किए गए हैं. इसके बाद, तमिलनाडु में 18,925, मध्य प्रदेश में 14,965, पश्चिम बंगाल में 13,500 और कर्नाटक में 13,056 मामले दर्ज किए गए, जो आत्महत्या के कुल मामलों का क्रमशः 13.5 फीसदी, 11.5 प्रतिशत, 9.1 प्रतिशत, 8.2 प्रतिशत और आठ फीसदी है.

उत्तर प्रदेश में सबसे कम लोगों ने की आत्महत्याएं 
देश में दर्ज किए गए सुसाइड के कुल मामलों में से उपरोक्त पांच राज्यों में 50.4 फीसदी मामले दर्ज किए गए हैं. शेष 49.6 फीसदी मामले 23 अन्य राज्यों और आठ केंद्रशासित प्रदेशों में सामने आए हैं. सबसे ज्यादा आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश में तुलनात्मक रूप से सुसाइड के कम मामले सामने आए हैं, जो देश में दर्ज इस तरह की घटनाओं का सिर्फ 3.6 फीसदी है. वहीं, केंद्रशासित प्रदेशों में सबसे ज्यादा आबादी वाली दिल्ली में 2021 में खुदकुशी के सबसे ज्यादा 2,840 मामले दर्ज किए गए हैं. इसके बाद पुडुचेरी में 504 मामले दर्ज किए गए हैं.

एक लाख की आबादी में 12 लोगों ने की आत्महत्या 
पिछले साल देश के 53 बड़े शहरों में सुसाइड के कुल 25,891 मामले दर्ज किए गए हैं. देश में 2021 में प्रति एक लाख की आबादी पर सुसाइड के मामलों की राष्ट्रीय दर 12 रही है. अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में खुदकुशी की उच्चतम दर (39.7) दर्ज की गई है. इसके बाद सिक्किम (39.2), पुडुचेरी (31.8), तेलंगाना (26.9) और केरल में यह दर 26.9 दर्ज की गई है.  
 

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