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Maharashtra News: महाराष्ट्र की राजनीति में होगा उलटफेर? SC ने विधान सभा अध्यक्ष को जारी किया नोटिस

Maharashtra News: महाराष्ट्र की राजनीति में हर दिन कोई ना कोई खबर आती रहती है. आज यानी शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र के विधान सभा के अध्यक्ष राहुल नार्वेकर को नोटिस जारी किया है. पूरी खबर पढ़ने के लिए नीचे स्कॉल करें. 

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 Maharashtra News: महाराष्ट्र की राजनीति में होगा उलटफेर? SC ने विधान सभा अध्यक्ष को जारी किया नोटिस
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Zee Salaam Web Desk|Updated: Jul 14, 2023, 01:49 PM IST

Maharashtra News: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उनके समर्थक विधायकों के खिलाफ अयोग्यता याचिकाओं पर निर्णय लेने में देरी की शिकायत करने वाली याचिका पर महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर को नोटिस जारी किया है. शिव सेना के मुख्य सचेतक के तौर पर शिव सेना (UBT) के विधायक सुनील प्रभु ने पिछले साल शिंदे समेत अन्य 15 विधायकों के खिलाफ अयोग्यता याचिका दायर की थी. क्योंकि उन्होंने जून 2022 में बगावत कर नई सरकार बनाने के लिए भाजपा से हाथ मिला लिया था.

प्रभु ने इस महीने शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया और अयोग्यता याचिकाओं पर शीघ्रता से सुनवाई करने के लिए विधानसभा अध्यक्ष को निर्देश देने की मांग की है. उन्होंने दावा किया कि "नार्वेकर जानबूझकर सुनवाई में देरी कर रहे थे." जबकि उच्चतम न्यायालय ने 11 मई के अपने फैसले में विधानसभा अध्यक्ष से याचिकाओं पर उचित तरीके से निर्णय लेने के लिए कहा था.

कोर्ट के नोटिस के बाद शिव सेना (UBT) नेता और राज्यसभा सदस्य प्रियंका चतुर्वेदी ने एक ट्वीट में कहा कि "गद्दार गिरोह के लिए समय आ गया है."

पिछले शुक्रवार को नार्वेकर ने कहा कि "उन्हें भारत के चुनाव आयोग से शिवसेना के संविधान की एक प्रति मिल गई है. अयोग्यता याचिकाओं पर सुनवाई जल्द ही शुरू होगी." आगे उन्होंने कहा कि ''अब हम सुनवाई शुरू करेंगे.'' यह पूछे जाने पर कि वास्तव में प्रक्रिया कब शुरू होगी. नार्वेकर ने जवाब दिया "जल्द ही."

जानकारी के लिए बता दें कि 11 मई को शीर्ष अदालत ने महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को उनके उस फैसले पर फटकार लगाई थी. जिसमें उन्होंने ठाकरे को बहुमत साबित करने के लिए कहा था. मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने शिंदे सहित 15 बागी शिवसेना विधायकों को अयोग्य ठहराने से इनकार करते हुए कहा कि "अदालत आम तौर पर दल-बदल विरोधी कानून के तहत अयोग्यता याचिकाओं पर फैसला नहीं कर सकती है." विधान सभा अध्यक्ष को लंबित मामले पर निर्णय लेने का निर्देश दिया था.

आपको बता दें तब से राजनीति ने एक और नाटकीय मोड़ ले लिया है. जिसमें अजीत पवार के नेतृत्व वाली प्रतिद्वंद्वी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के कई विधायक भाजपा-शिवसेना सरकार में शामिल हो गए हैं. महाराष्ट्र कैबिनेट में पवार के शामिल होने के बाद शिंदे के सरकार से बाहर होने की अटकलें लगाई जा रही थीं. लेकिन मुख्यमंत्री ने दावों को अफवाह बताकर खारिज कर दिया और कहा कि सत्तारूढ़ गठबंधन पहले से कहीं ज्यादा मजबूत है.

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