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स्टार्टअप के नाम पर चला रहा था ATM तोड़कर पैसे निकालने की ट्रेनिंग; 3 माह का क्रैश कोर्स !

In the name of startup running training to withdraw money by breaking ATM: उत्तर प्रदेश से बेरोजगार युवाओं को बिहार के छपरा ले जाकर सुधीर मिश्रा नाम का एक शख्स एटीएम तोड़ने की ट्रेनिंग देता था. इसके लिए बाजाब्ता प्रैक्टिकल भी कराया जाता था और इस विद्या में खरे उतरने वाले छात्रों को फिल्ड में भेजा जाता था. 

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अलामती तस्वीर
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Hussain Tabish|Updated: Apr 26, 2023, 11:28 AM IST

लखनऊः स्किल डिवेलपमेंट और स्टार्टअप शुरू करने के नाम पर अगर कोई किसी को चोरी, डकैती या कोई अन्य अपराध करने की ट्रेनिंग दे तो उसे आप क्या कहेंगे? पहले तो आपको इस बात पर यकीन नहीं होगा, लेकिन बिहार में ऐसा हुआ है. बिहार के छपरा जिले के रहने वाले सुधीर मिश्रा नाम का एक शख्स 'स्टार्टअप’ के नाम पर बेरोजगार नौजवानों को 15 मिनट के अंदर एटीएम मशीन तोड़ने की ट्रेनिंग देता है. उत्तर प्रदेश पुलिस को सुधीर मिश्रा के इस ट्रेनिंग का पता उस वक्त चला जब पुलिस ने लखनऊ के सुशांत गोल्फ सिटी थाना क्षेत्र में एक एटीएम तोड़कर उसमें से 39.58 लाख रुपए की चोरी करने का खुलासा करते हुए इस मामले में  चार युवकों को गिरफ्तार किया. पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से 9.13 लाख रुपये भी बरामद किए हैं. पुलिस अब गैंग के सरगना सुधीर मिश्रा की तलाश कर रही है. 

लखनऊ में एटीएम से हुई चोरी के बाद हुआ खुलासा 
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि लखनऊ के सुशांत गोल्फ सिटी थाना क्षेत्र में एक एटीएम को तोड़कर हुई चोरी का पता लगाने के लिए पुलिस ने 1,000 सीसीटीवी फुटेज, मोबाइल डेटा और लखनऊ के आसपास के 20 से ज्यादा टोलों की जांच की थी. जांच के दौरान एटीएम के पास एक घर से सीसीटीवी फुटेज मिला था, जिसमें एक नीले रंग की कार का पता चला. बदमाश इसी कार से शहर में घुसे थे और घटना को अंजाम देने के बाद वहां से भाग गए. कार के नंबर से पता चला कि उसका मालिक बिहार के सीतामढ़ी जिले का है. पुलिस की एक टीम सीतामढ़ी भेजी गई. इस बीच, यूपी पुलिस की एक और टीम ने उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर रोड पर उसी कार को रोककर उसमें सवार चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया.

लाइव डेमोंस्ट्रेशन के बाद मिलता था प्रमाणपत्र 
गोल्फ सिटी के एसएचओ शैलेंद्र गिरी ने बताया कि गिरफ्तार किए गए आरोपियों में से एक नीरज नाम का शख्स गैंग का स्थाई सदस्य था और उसके खिलाफ पांच मामले पहले से दर्ज थे. गिरी के मुताबिक, नीरज ने खुलासा किया है कि उसने सुधरी मिश्रा नाम के एक शख्स से एटीएम मशीन  को तोड़ने के बारे में ट्रेनिंग ली थी. सुधीर मिश्रा बेरोजगार युवाओं को उत्तर प्रदेश से छपरा ले जाता था और वहां तीन महीने का एटीएम क्रैश कोर्स के तहत नई तकनीक से एटीएम को तोड़ना सिखाता था. इसमें बताया जाता था कि कैसे अपनी पहचान छिपाने के लिए एटीएम बूथ में लगे कैमरों पर लिक्विड स्प्रे करना है और 15 मिनट के अंदर एटीएम के कैश बॉक्स को काटकर पैसा निकालकर वहां से फरार होना है. 

आरोपी नीरज ने बताया कि सुधीर मिश्रा के ट्रेनिंग स्कूल में प्रशिक्षण के बाद 15 दिन का लाइव डेमोंस्ट्रेशन भी कराया जाता है. 15 मिनट या उससे कम वक्त में एटीएम तोड़ने वाले छात्रों को फिर ही फील्ड में एटीएम तोड़ने के लिए भेजा जाता है. पुलिस ने कहा कि देशभर में पिछले एक साल में गैंग द्वारा ऐसे 30 से ज्यादा मामले अंजाम दिए गए हैं. पुलिस अब वहां से ट्रेनिंग लेने वाले सभी छात्रों को ट्रेस करने की कोशिश कर रही है. फिलहाल सुधीर मिश्रा पुलिस की गिरफ्त से बाहर है. 

Zee Salaam

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