trendingNow/zeesalaam/zeesalaam01667874
Home >>Zee Salaam ख़बरें

देशभर में सुर्ख़ियां बटोरने वाला कर्नाटक हिजाब प्रकरण चुनाव प्रचार अभियान में नहीं बन पाया बड़ा मुद्दा

Karnataka Hijab: कर्नाटक से शुरू हुआ हिजाब मामला लगातार चर्चा का विषय बना हुआ है, लेकिन कर्नाटक में अगले महीने होने वाले असेंबली इलेक्शन में ये एक बड़ा मुद्दा बनकर नहीं उभर सका और न ही इलेक्शन कैंपेन के दौरान ये बड़ा मुद्दा बन सका.

Advertisement
देशभर में सुर्ख़ियां बटोरने वाला कर्नाटक हिजाब प्रकरण चुनाव प्रचार अभियान में नहीं बन पाया बड़ा मुद्दा
Stop
Sabiha Shakil|Updated: Apr 25, 2023, 06:08 PM IST

Karnataka Election 2023: शैक्षणिक संस्थानों में मुस्लिम छात्राओं के हिजाब पहनने का विवादास्पद मुद्दा कर्नाटक में 10 मई को होने वाले असेंबली इलेक्शन के लिए एक गंभीर मामला प्रतीत नहीं होता है. उडुपी में एक गवर्नमेंट प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेज द्वारा क्लासेज में हिजाब पहनकर आने पर पाबंदी लगाये जाने के बाद पिछले साल यह मुद्दा नेशनल लेवल पर छा गया था. कर्नाटक में भारतीय जनता पार्टी (BJP) की सरकार ने मामले के तूल पकड़ने के बाद एजुकेशन कैम्पस के अंदर हिजाब पहन कर आने पर पिछले साल एक आदेश के तहत पाबंदी लगा दिया था. इसने कहा था कि समानता, अखंडता और कानून निजाम को प्रभावित करने वाले किसी भी ड्रेस को स्कूल-कॉलेज में पहनकर आने की अनुमति नहीं दी जाएगी.

स्टूडेंट को प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेजों और स्कूलों के लिए निर्धारित यूनिफार्म ही पहन कर आने के निर्देश दिये गये थे. राज्य में हिजाब पहनी कई छात्राओं को स्कूल-कॉलेज में एंट्री देने से इनकार किये जाने के बाद यह आदेश जारी किया गया था. इस कदम के बाद देशभर में जगह-जगह प्रोटेस्ट हुए थे. कुछ मुस्लिम छात्राओं के अदालत का रुख करने के बाद कर्नाटक हाईकोर्ट ने सरकार के आदेश को कायम रखा था. इसके बाद, फैसले को सुप्रीम कोर्ट  में चुनौती दी गई, जिसने अक्टूबर में एक विभाजित फैसला सुनाया. 

हिजाब विवाद के दौरान बीजेपी के 'पोस्टर ब्वॉय' रहे यशपाल सुवर्णा अब उडुपी असेंबली सीट से पार्टी के उम्मीदवार हैं. जब यह मामला सुर्खियों में आया था, उस वक्त वह उडुपी गवर्नमेंट प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेज फॉर वुमन की विकास कमेटी के उपाध्यक्ष  थे. मौजूदा एमएलए रघुपति भट की जगह इस सीट से पार्टी ने सुवर्णा को टिकट दिया है, जो मोगावीरा (मछुआरा समुदाय) की लीडर हैं और पार्टी कार्यकर्ताओं पर उनकी मजबूत पकड़ है. सुवर्णा ने कहा कि विवाद 'राष्ट्र विरोधी और असामाजिक तत्वों' द्वारा पैदा किया गया, जो नहीं चाहते कि मुस्लिम लड़कियां या गरीब हिंदू विद्यार्थी तालीम हासिल करें.  हालांकि, हिजाब मामले को चुनाव प्रचार के दौरान जोरशोर से नहीं उठाया जा रहा है और बीजेपी विकास के मुद्दे पर चुनाव लड़ने पर ध्यान खींचती नजर आ रही है. 

 

अगर कोई पार्टी गुपचुप तरीके से हिजाब मुद्दे को इलेक्शन कैंपेन का विषय बना रही है तो वह सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (SDPI) है, जो प्रतिबंधित पीएफआई की राजनीतिक इकाई है. बता दें, कि पिछले असेंबली इलेक्शन में साउथ कन्नड़ और उडुपी जिले में 13 सीट में 12 पर बीजेपी को जीत मिली थी.

Watch Live TV

Read More
{}{}