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पूर्व सीएम चंपई सोरेन का छलका दर्द, कहा, "झारखंड के अलग राज्य बनने के बाद..."

Jharkhand News: झारखंड के मुख्यमंत्री के पद से हटने पर चंपई सोरेन का 'दर्द' छलक पड़ा है. सीएम पद से इस्तीफा देने के बाद पहली बार चंपई सोरेन अपने  विधानसभा क्षेत्र सरायकेला पहुंचे.

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पूर्व सीएम चंपई सोरेन का छलका दर्द, कहा, "झारखंड के अलग राज्य बनने के बाद..."
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Md Amjad Shoab|Updated: Jul 06, 2024, 06:05 PM IST

Jharkhand News: झारखंड के मुख्यमंत्री के पद से हटने पर चंपई सोरेन का 'दर्द' छलक पड़ा है. सोरेन ने 3 जुलाई को जमीन घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में हेमंत सोरेन के जेल से बाहर आने के बाद अपने पद से इस्तीफा दिया था. इसकी जगह पूर्व सीएम हेमंत सोरेन ने झारखंड के 13वें मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. 

दरअसल, सीएम पद से इस्तीफा देने के बाद पहली बार चंपई सोरेन अपने  विधानसभा क्षेत्र सरायकेला पहुंचे. यहां उन्होंने जनता को संबोधित करते हुए कहा कि उन्हें थोड़ा और वक्त मिलता तो राज्य के विकास के लिए और भी बहुत कुछ करते, जो मेरी इच्छा थी.

मैं अपने काम से संतुष्ट हूं; चंपई सोरेन 
चंपई सोरेन ने कहा कि काम करने वाले इंसानों की सभी इच्छाएं कभी पूरी नहीं होतीं. मैंने मुख्यमंत्री के रूप में अच्छा काम करने की कोशिश की. हमने सभी मजहब, कम्युनिटी के लोगों के लिए कई तरह की योजनाएं बनाईं. मैं कम वक्त में जितना काम कर पाया, उससे मुतमईन हूं.

चंपई सोरेन का दावा
चंपई सोरेन ने कहा कि मैंने ने अपने इतने कम वक्त कार्यकाल में टीचर बहाली, पुलिस डिपार्टमेंट में भर्ती, जनजातीय भाषाओं पर आधारित टीचर्स की भर्ती और मुख्यमंत्री अबुआ स्वास्थ्य बीमा योजना जैसी कई जनकल्याणकारी योजनाएं शुरू की.  21 से 50 साल की उम्र की महिलाओं को हर महीने एक हजार रुपये की फाइनेंशियल हेल्प के लिए मुख्यमंत्री माई-कुई (बहन-बेटी) योजना शुरू की. इसके अलावा 200 यूनिट बिजली फ्री करने का फैसला लिया. इसका फायदा आम जनता को मिलेगा.

उन्होंने कहा कि हर डिपार्टमेंट में काम के लिए कैलेंडर बनाया. शेड्यूल के मुताबिक मैंने खुद काम किया. जनजातीय भाषाओं ( Tribal Languages ) के टीचर्स की बहाली शुरू की, लेकिन अफसोस है कि उन्हें नियुक्ति पत्र ( Appointment Letter ) नहीं बांट पाए. साथ ही हमने जनजातीय भाषा साहित्य अकादमी के गठन की प्रक्रिया भी शुरू की. हमने ज्यादातर प्लान्स पटरी पर ला दी हैं. हमने जातीय जनगणना का फैसला लिया और यह भी तय कर दिया कि कौन सा डिपार्टमेंट यह काम करेगा.

जेएमएम नेता सोरेन ने कहा कि बिहार से अलग होकर झारखंड राज्य बनने के बाद जिस तरह से विकास होना चाहिए था, वह नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि पार्टी और ऑर्गेनाइजेशन में जो भी फैसला लिया जाता है, उसे मानना पड़ता है. मेरे बारे में जो भी फैसला लिया गया है, उसके मुताबिक काम करूंगा. पोस्ट पर रहूं या न रहूं, जनता की सेवा करता रहूंगा.

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