Home >>Zee Salaam ख़बरें

कविता से प्यार करने के लिए न करें मजबूर, अभिभावक के सवाल पर मिला ये जवाब

मशहूर शायर और गीतकार जावेद अख्तर से जब एक बच्चे की मां ने पूछ कि बच्चों को कविता के प्रति प्रेम जगाने के लिए क्या किया जाए, तो इसके जवाब में शायर ने कहा कि बच्चों को कविता के लिए फोर्स ने करें बल्कि आप खुद कविता में दिलचस्पी लेना शुरू कर दें, इससे बच्चे भी प्रेरित होंगे. 

Advertisement
गीतकार जावेद अख्तर और अभिनेत्री शबाना आजमी
Stop
Hussain Tabish|Updated: Jan 25, 2023, 03:39 PM IST

कोलकाताः जाने-माने कवि और गीतकार जावेद अख्तर का मानना है कि बच्चों पर उनके माता-पिता को कविता से प्यार करने के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए. जावेद अख्तर ने टाटा स्टील कोलकाता लिटरेरी मीट के दौरान एक सत्र में कहा कि उन्हें कविताओं का आनंद लेना चाहिए और अपने बच्चों के साथ 'कवि सम्मेलन’ में हिस्सा लेना चाहिए ताकि उनमें तुकांत शब्दों के लिए जुनून पैदा हो सके. 
बच्चों में कविता के लिए प्यार कैसे जगाया जाए, इस बारे में एक नोजवान मां के सवाल का जवाब देते हुए 78 वर्षीय पद्म भूषण पुरस्कार विजेता शायर ने कहा, “आपको उन्हें बताने की जरूरत नहीं है, वे नहीं सुन सकते हैं. वे वही करेंगे जो आप करते हैं. अगर आप कविता से गहराई से प्यार करते हैं, अगर आप 'कवि सम्मेलनों’ और 'मुशायरों’ में हिस्सा लेते हैं.. तो आपके बच्चे खुद बखुद ही कविता और शायरी में दिलचस्पी लेना शुरू कर देंगे. 

यह पूछे जाने पर कि क्या उर्दू गीतों के संगीतकार के रूप में उनकी विरासत को आगे बढ़ाने के लिए किसी वारिस को तैयार किया जाना चाहिए, अख्तर ने कहा, “सीमा के दोनों तरफ बहुत सारे नौजवान हैं. भारत और पाकिस्तान के युवा लड़के और लड़कियांं ने कविताओं को लेकर गजब का जोश दिखाया है. उनमें से कई की उम्र 18 से भी नीचे की है. मैं नियमित रूप से यूट्यूब पर उनके गायन को देखता हूं, जो मुझे प्रेरित भी करते हैं. उन्हें मुझे प्रेरित करने की आवश्यकता नहीं है." 
हिंदी फिल्मों के प्रख्यात गीतकार और पटकथा लेखक ने एक उर्दू कवि को सलाह देते हुए कहा कि उन्हें वाक्य रचना, लय और वाक्यांशों की बुनाई की बेहतर अवधारणा के लिए कविताएँ पढ़ते रहना चाहिए. उन्होंने कहा कि शुरुआत उन समकालीन कवियों से करें जिनकी भाषा और अभिव्यक्ति से आप अपनी पहचान बना सकते हैं. 

अभिनेत्री शबाना आजमी के साथ उनके वैवाहिक जीवन में कविता के प्रभाव पर एक दूसरे सवाल के जवाब में उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा, “इसका उत्तर हां या न दोनों में है. गौरतलब है कि शबाना आजमी के पिता कैफी आजमी उर्दू के प्रसिद्ध कवि रहे हैं, और जावेद अख्तर के पिता जाँ निसार अख्तर भी अपने जमाने के उर्दू के मशहूर कवि रहे हैं. जावेद अख्तर ने कहा कि आपकी जड़़े जैसी होती है, आप वैसे ही बन जाते हैं." 

Zee Salaam

{}{}