trendingNow/zeesalaam/zeesalaam01392837
Home >>Zee Salaam ख़बरें

जम्मू में एक साल से रह रहे लोग नहीं डाल पाएंगे वोट, इसलिए वापस लिया गया फैसला

Jammu and Kashmir: जम्मू में एक साल से रह रहे लोगों को मतदान का अधिकार देने वाले आदेश की मुखालफत के बाद इसे वापस ले लिया गया है. जम्मू जिला उपायुक्त की तरफ से जारी आदेश की जम्मू व कश्मीर के सियासी दलों ने मुखालफत की थी.

Advertisement
जम्मू में एक साल से रह रहे लोग नहीं डाल पाएंगे वोट, इसलिए वापस लिया गया फैसला
Stop
Siraj Mahi|Updated: Oct 13, 2022, 02:17 PM IST

Jammu and Kashmir: जम्मू के जिला उपायुक्त ने बीते मंगलवार को एक आदेश दिया था जिसके मुताबिक पिछले एक साल से जम्मू में रह रहे सभी लोगों को वोटिंग करने का अधिकार दिया गया था. इस पर 15 अक्टूबर से काम शुरू हो जाना था, लेकिन अब यह फैसला वापस ले लिया गया है. जम्मू के जिला चुनाव अधिकारी ने आदेश में यह भी बताया था कि किन दस्तावेजों को दिखा कर कोई भी नागरिक अपना वोटर आईडी कार्ड बनवा सकता था. जिला उपायुक्त के इस आदेश की जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक दलों ने आलोचना की जिसकी वजह से इसे वापस लेना पड़ा.

जम्मू उपायुक्त के फैसले पर कांग्रेस, PDP, नेशनल कांफ्रेंस और शिव सेना जैसे दलों ने अपना विरोध दर्ज कराया और जनआंदोलन शुरु करने की धमकी भी दी. इसके बाद प्रशासन ने बुधवार देर रात इस फैसले को वापस लिया. 

नेशनल कांफ्रेंस ने किया विरोध

जम्मू उपायुक्त के इस फैसले पर नेशनल कॉन्फ्रेंस ने विरोध किया था. पार्टी ने कहा था कि "सरकार 25 लाख गैर स्थानीय लोगों को वोटर लिस्ट का हिस्सा बनाने वाली है. हम इस फैसले का विरोध करते हैं. BJP चुनावों से डर रही है, उसे पता है कि वो बुरी तरह हारने वाली है. जनता को BJP की इस साजिश को बैलेट बॉक्स के जरिए हरा देना चाहिए."

यह भी पढ़ें: कर्नाटक में हिजाब बैन पर आज सुप्रीम कोर्ट सुनाएगा फैसला, 22 सितंबर को सुरक्षित रख लिया था फैसला

PDP ने क्या कहा था?

PDP ने जिला चुनाव अधिकारी के फैसले का विरोध करते हुए कहा था कि ‘‘जम्मू-कश्मीर के लोगों को यह समझने की जरूरत है कि हमारा भविष्य, तकदीर और मकसद एक है. जिस तरह से करगिल व लेह, लद्दाख के लोगों ने भाजपा की ‘फूट डालो और राज करो’ की नीति को विफल कर दिया और अपनी जमीन व रोजगार बचाने के लिए एकजुट हुए, उसी तरह जम्मू-कश्मीर के लोगों को भाजपा के नापाक इरादों को नाकाम करने के लिए एकजुट होना होगा... क्योंकि बाहर के लोगों को इससे केवल यहां घर ही नहीं मिलेंगे बल्कि उन्हें मताधिकार भी मिलेगा जिसका मतलब जम्मू-कश्मीर के लोगों के वोट का महत्व कम होगा.’’ 

चुनाव अधिकारी ने दिया था आदेश

जम्मू के जिला चुनाव आधिकारी ने एक लेटर जारी कर बताया था कि किन दस्तावेजों को जमा कर जम्मू में एक साल से रह रहे लोग जम्मू में मतदाता बन सकते हैं. इसमें पानी, गैस और बिजली के बिल, राष्ट्रीयकृत बैंक, डाकघर और सूचीबद्ध बैंक के पासबुक, आधार कार्ड और पासपोर्ट जैसे कई दस्तावेज शामिल थे. 

इसी तरह की और खबरों को पढ़ने के लिए zeesalaam.in पर विजिट करें.

Read More
{}{}