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उन्हीं जानवरों की कुर्बानी दी जाए जिनपर कानूनी पाबंदी न हो: इस्लामिक सेंटर

लखनऊ के इस्लामिक सेंटर ने ईद के सभी अरकान को अच्छे से अदा करने और इलाके में त्योहार के मौके पर शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए एक एडवाइजरी जारी की है. 

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Ahmar Hussain|Updated: Jul 07, 2022, 05:54 PM IST

अहमर हुसैन/लखनऊ: मुसलमानों के सबसे बड़े त्योहारों में से एक ईद-उल-अजहा यानी कि बकरीद का त्यौहार दस जुलाई को पूरे देश में मनाया जायेगा. बकरीद के त्योहार से पहले लखनऊ में मौजूद इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया ने 11 बिंदुओं की एडवायजरी जारी कर मुसलमानों से इसे पालन करने की अपील की है. मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने कहा की हर साहिबे हैसियत (आर्थिक रूप से सक्षम) मुसलमान पर कुर्बानी करना वाजिब (जरूरी) है.

इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया की तरफ से अपील

"ईद उल अजहा पर हर साहिब-ए-हैसियत को कुर्बानी करना जरूरी."
"बकरीद के तीन दिनों तक कुर्बानी करना कोई रस्म नहीं बल्कि खुदा पाक की पसंदीदा इबादत है, इन दिनों में कुर्बानी का बदल कोई दूसरा नेक अमल नहीं हो सकता."
"कानूनी दायरे में रहते हुए कुर्बानी को जरूर अंजाम दें, यह हजरत इस्लामाईल और हजरत इब्राहिम की सुन्नत है."
"हमेशा की तरह इस बार भी उन्हीं जानवरों की कुर्बानी दी जाए जिनपर कानूनी पाबंदी न हो."
"कुर्बानी की जगह पर साफ सफाई का विशेष ध्यान रखा जाए."
"खुली और सार्वजनिक जगहों पर कुर्बानी के काम को अंजाम नहीं दिया जाए."
"जानवरों की गंदगी की सड़कों और गलियों में न डालें बल्कि नगर निगम के कूड़ेदानों का प्रयोग करें."
"कुर्बानी के खून नालियों में नहीं बहाएं बल्कि कच्ची मिट्टी में दबा दें जिससे पेड़-पौधों के लिए खाद बन जाए."
"गोश्त का तिहाई हिस्सा अच्छी तरह से पैक कर के गरीबों और जरूरतमंदों को जरूर दिया जाए."
कुर्बानी की फोटो और वीडियो नहीं बनाई जाए और सोशल मीडिया पर भी नहीं डाली जाए."
जानवर की खालों को खुदा की राह में जरूर तकसीम करें."

ख्याल रहे कि देश की कई मुस्लिम तंजीमे अलग-अलग मौकों पर अपनी ए़डवाइजरी जारी करती रहती हैं. इसी कड़ी में कुर्बानी के फर्ज को ठीक से अंजाम देने के लिए औस त्योहार के मौके शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए इस्लामिक सेंटर ने एडवाइजरी जारी की है.

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