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J&K News: सुरक्षा एजेंसियों का बड़ा खुलासा! घाटी में बढ़ रही हाइब्रिड आतंकियों की तादाद

Jammu Kashmir News: सुरक्षा एजेंसियों ने बड़ा खुलासा किया है कि जम्मू कश्मीर में पाकिस्तानी आतंकिवादियों की तादाद बढ़ गई है. इतना ही नहीं पाकिस्तान हाइब्रिड आतंकियों को तैयार कर रहा है. वह हाइब्रिड आतंकी जिनकी पहचान कर पाना मुश्किल है.

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Somiya Khan|Updated: Oct 23, 2022, 02:10 PM IST

Jammu Kashmir News: जम्मू कश्मीर में विदेशी आतंकियों की बढ़ी तादाद ने भारतीय सुरक्षा एजेंसियों की चुनौती और बढ़ा दी है. अब सुरक्षा एजेंसियों की तरफ से ये खुलासा हुआ है कि ये विदेशी आतंकी घाटी में हाइब्रिड आतंकियों को तैयार करने का काम कर रहे हैं. कश्मीर पंडितों और गैर कश्मीरी लोगों की टारगेट किलिंग इसका बड़ा उदाहरण है.

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सुरक्षा एजेंसियों के सूत्रों के मुताबिक जम्मू कश्मीर में पिछले कुछ महीनों में स्थानीय आतंकियों के मुकाबले विदेशी आतंकियों की तादाद में बड़ा उछाल आया है. कश्मीर घाटी में अभी कुल 137 आतंकी सक्रिय हैं. इनमें 54 लोकल आतंकी और 83 विदेशी यानी पाकिस्तानी मूल के आतंकी शामिल हैं. एक अधिकारी ने बताया कि पिछले कुछ सालों में सक्रिय आतंकियों में विदेशी आतंकियों की तादाद बढ़ी है, जिससे निपटने के लिए सुरक्षा बलों को खासी तैयारी करनी पड़ रही है. वहीं ये भी पता चला है कि लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों ने हाइब्रिड आतंकियों को तैयार करने का काम किया है.

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हाइब्रिड आतंकियों को मदद दे रहे विदेशी आतंक

सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तान के आतंकी संगठन अब नई रणनीति पर काम कर रहे हैं. इसमें पाकिस्तानी मूल के आतंकियों की मदद से जम्मू कश्मीर में हाइब्रिड आतंकियों को तैयार किया जा रहा है. दरअसल सुरक्षाबलों की मुस्तैदी से स्थानीय आतंकियों की नई भर्ती काफी कम हो गई है. यही वजह है स्थानीय स्तर पर सक्रिय आतंकियों की भर्ती ना कर पाने से घाटी में मौजूद विदेशी आतंकी ज्यादा से ज्यादा हाइब्रिड आतंकियों को वारदातों के लिए मदद दे रहे हैं. इनमें ऐसे स्थानीय युवक शामिल हैं, जो पहले सक्रिय आतंकियों की स्लीपर सेल के तौर पर मदद किया करते थे. मगर अब वो सीधे आतंकी गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं. इन्ही हाइब्रिड आतंकियों के द्वारा ही टारगेट किलिंग की वारदात को भी अंजाम भी दिया जाता है.

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हाइब्रिड आतंकियों की पहचान बड़ी चुनौती

हाइब्रिड आतंकी सामान्य आतंकी से अलग होते हैं. ये ऐसे स्थानीय युवक होते हैं, जो बिल्कुल सामान्य लोगों की तरह जीवन यापन करते हैं. ये हाइब्रिड आतंकी किसी वारदात को अंजाम देते है, फिर सामान्य तरीके से रहने लगते हैं. यही वजह है कि सुरक्षा एजेंसियों को इन्हें पहचानना और पकड़ना मुश्किल हो जाता है. इनका कोई रिकॉर्ड भी नहीं होता. अब विदेशी आतंकी इन्ही की मदद कर उनसे आतंकी वारदातों को अंजाम दिलवा रहे हैं. खुफिया और सुरक्षा एजेंसियों को पता चला है कि घाटी में मौजूद पाकिस्तानी आतंकियों द्वारा इन्हें हथियार और अन्य मदद भी मुहैया करवाई जा रही है.

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