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हिजाब पहनकर क्लास रूम में आने को लेकर मुस्लिम छात्राओं ने बदला अपना स्टैंड

कर्नाटक के कई कॉलेजों में हिजाब पहनकर कक्षा में बैठने के अनुमति मांगने को लेकर भारी बवाल हुआ था. बाद में मामले के हाईकोर्ट में जाने पर कोर्ट ने इस मांग को ठुकरा दिया था. 

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अलामती तस्वीर
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Zee Media Bureau|Updated: Jun 12, 2022, 05:57 PM IST

मंगलुरुः पिछले कुछ माह से जारी कक्षा में हिजाब पहनने की जिद और उसे अपना अधिकार बताकर आंदोलन करने वाली लड़कियों को आंदोलन अब धीमा पड़ने लगा है. लड़कियां बिना हिजाब के क्लास आने के लिए तैयार हो रही हैं. वहीं, तीन दिन पहले ही उडुपी के उस कॉलेज प्रशासन ने दावा किया था कि उनके पास इस साल पहले से ज्यादा मुस्लिम छात्राओं ने कॉलज में दाखिले के लिए आवेदन किए हैं. इससे पहले लड़कियों के एक समूह ने कक्षा में हिजाब न पहनने देने पर अपनी वार्षिक परीक्षा तक छोड़ दी थी. 

तीन छात्राओं को दिया गया था नोटिस 
ड्रेस कोड का उल्लंघन करने पर नोटिस मिलने के बाद मंगलुरु के विश्वविद्यालय कॉलेज में एक मुस्लिम छात्रा बिना हिजाब पहने कक्षा में शामिल हुई. कॉलेज प्रधानाचार्य अनसूया राय ने कहा कि हिजाब के खिलाफ आदेश का उल्लंघन करने के लिए तीन छात्राओं को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था. उन्होंने कहा कि दो लड़कियों ने स्पष्टीकरण दिया था जबकि तीसरी छात्रा ने अभी तक नोटिस का जवाब नहीं दिया है.  प्रधानाचार्य ने बताया कि नोटिस का जवाब देने वाली एक छात्रा शनिवार को कक्षा में शामिल हुई. 

विनायक दामोदर सावरकर की तस्वीर टांगने पर मुकदमा 
कक्षा में विनायक दामोदर सावरकर की तस्वीर टांगने वाले कुछ छात्रों को लेकर 10 जून को छात्रों के दो समूहों के बीच झड़प के बारे में पूछे जाने पर, राय ने कहा कि कॉलेज के अधिकारियों ने घटना से संबंधित कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई है. इस बीच, पुलिस ने दोनों छात्र समूहों की शिकायत के आधार पर झड़प के मामले में कॉलेज के छह छात्रों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है.

कर्नाटक हाईकोर्ट ने हिजाब पर लगाई थी रोक 
गौरतलब है कि कर्नाटक हाईकोर्ट ने 15 मार्च को मुस्लिम छात्राओं के एक समूह द्वारा दायर उन याचिकाओं को खारिज कर दिया था, जिनमें कक्षा के अंदर हिजाब पहनने की इजाजत मांगी गई थी. अदालत की तीन-न्यायाधीशों की बेंच ने कहा था कि स्कूल की ड्रेस के निर्धारण पर छात्र ऐतराज नहीं कर सकते.

 

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