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गुजरात दंगाः मोदी को क्लीनचिट के बाद, मुश्किल में तीस्ता सीतलवाड़; ATS ने हिरासत में लिया

मुंबई पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि सीतलवाड़ को गुजरात पुलिस ने उनके सांताक्रूज स्थित आवास से हिरासत में लिया. सीतलवाड़ के एनजीओ ने जकिया जाफरी की कानूनी लड़ाई के दौरान उनका समर्थन किया था

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तीस्ता सीतलवाड़
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Zee Media Bureau|Updated: Jun 25, 2022, 07:55 PM IST

अहमदाबादः साल 2002 के गुजरात दंगा मामले में प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट से क्लीनचिट मिलने या एसआईटी की रिपोर्ट को बरकरार रखने के एक दिन बाद गुजरात आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) ने सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ को हिरासत में ले लिया है. अहमदाबाद शहर की अपराध शाखा में उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी के सिलसिले में शनिवार को मुंबई में हिरासत में ले लिया है. मुंबई पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि सीतलवाड़ को गुजरात पुलिस ने उनके सांताक्रूज स्थित आवास से हिरासत में लिया.
 

तीस्ता ने एहसान जाफरी मामले में की थी मदद 
उच्चतम न्यायालय ने 2002 के गुजरात दंगा मामले में तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी और अन्य लोगों को विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा क्लीन चिट दिए जाने को चुनौती देने वाली याचिका शुक्रवार को खारिज कर दी थी. सीतलवाड़ के एनजीओ ने जकिया जाफरी की कानूनी लड़ाई के दौरान उनका समर्थन किया था. जाफरी के पति अहसान जाफरी दंगों के दौरान मारे गए थे. न्यायमूर्ति एएम खानविलकर की अध्यक्षता वाली शीर्ष अदालत की तीन-न्यायाधीशों की पीठ ने गुजरात दंगों के मामले में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को विशेष जांच दल या एसआईटी की 2012 की क्लीन चिट को बरकरार रखते हुए कहा कि मामले में सह-याचिकाकर्ता सीतलवाड़ ने भावनाओं का शोषण किया है.

एसआईटी ने दंगों को “बड़ी साजिश“ बताने के पीछे बताया था साजिश  
इससे पहले एसआईटी ने जाफरी की याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि 2002 के गुजरात दंगों के पीछे “बड़ी साजिश“ की जांच के लिए शिकायत के पीछे एक भयावह साजिश है और जाफरी की मूल शिकायत सामाजिक कार्यकर्ता सीतलवाड़ द्वारा निर्देशित थी, जिन्होंने अक्टूबर 2017 के आदेश को भी चुनौती दी थी. गुजरात उच्च न्यायालय ने एसआईटी की क्लोजर रिपोर्ट को फिर से खोलने से इनकार कर दिया था. यह मामला उस घटना से संबंधित है जिसे गुलबर्ग सोसाइटी की घटना के रूप में जाना जाता है, जिसमें एक ट्रेन के डिब्बे में आग लगने से हुए दंगों में कांग्रेस के पूर्व सांसद एहसान जाफरी सहित 68 लोग मारे गए थे, जिसमें फरवरी 2002 में 59 लोग मारे गए थे.

अमित शाह भी ले चुके हैं तीस्ता सीतलवाड का नाम 
इसके अलावा एएनआई के साथ एक इंटरव्यू में केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने कहा था कि तीस्ता सीतलवाड़ द्वारा संचालित एनजीओ ने 2002 के गुजरात दंगों के बारे में पुलिस को बेबुनियाद जानकारी दी थी. उन्होंने कहा था कि मैंने फैसले को बहुत ध्यान से पढ़ा है. फैसले में साफ तौर से तीस्ता सीतलवाड़ के नाम का जिक्र है. उनके द्वारा चलाए जा रहे एनजीओ - मुझे एनजीओ का नाम याद नहीं है, ने पुलिस को दंगों के बारे में बेबुनियाद जानकारी दी थी. 

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