Delhi Riots 2020 : दिल्ली की एक अदालत ने 2020 में नार्थ-ईस्ट दिल्ली में हुए दंगों से जुड़े एक मामले में लापरवाही बरतने और अनप्रोशनल व्यवहार की वजह से सब इंस्पेक्टर (SI) विपिन कुमार की फटकार लगाई है. अब मामले को जांच को पुलिस कमिश्नर संजय अरोड़ा के पास भेज दिया है. एडिशनल सेशन जस्टिस पुलस्त्य प्रमाचला ने खजूरी खास थाने में दंगा, चोरी, डकैती, आगजनी समेत विभिन्न अपराधों में दर्ज मामले की सुनवाई करते हुए यह आर्डर दिया है. जज ने पिछले हफ्ते जारी एक आर्डर में कहा, 'मैं इस मामले में पुलिस कमिश्नर को एसआई विपिन कुमार द्वारा की गयी जांच और तथ्यों की गलत जानकारी अपने सीनियर अफसरान को देने के उनके रवैये की जांच का हुक्म देता हूं.
अधूरी जांच पर कोर्ट नाराज
इस मामले में 10 शिकायतें जोड़ी गयी थी और कोर्ट ने एक मई को हर एक घटना के समय के साथ ही संबंधित सबूत देने के लिए पुलिस उपायुक्त (उत्तर-पूर्व) से जवाब तलब किया था. अदालत ने अपने आदेश में कहा, 'मामले को जांच अधिकारी द्वारा की गयी जांच के मूल्यांकन के लिए डीसीपी के पास भेजा जाता है, जिन्होंने यह बताने के लिए मुनासिब सबूत पेश नहीं किए कि हर शिकायत के सिलसिले में असल में क्या जांच की गई. प्रत्येक घटना का समय क्या था और इन घटनाओं के लिए आरोपियों पर उंगली उठाने की बुनियाद क्या है.
रिपोर्ट में कई खामियां
जस्टिस ने 10 मई को सुनवाई के दौरान कहा था कि डीसीपी की रिपोर्ट के मुताबिक, अफसर ने जांच अधिकारी से रिपोर्ट मांगी थी और इसमें कई खामिया नजर आईं. उन्होंने रिपोर्ट पर नोटिस लेते हुए कहा कि सहायक पुलिस आयुक्त और खजूरी खास थाने के एसएचओ को पूरे मामले का जायजा लेने और जरूरत पड़ने पर किसी अन्य जांच अधिकारी से इसकी जांच कराने की हिदायत दी जाती है. जस्टिस प्रमाचला ने कहा कि एसआई विपिन कुमार ने सीनियर अधिकारी को दी अपनी रिपोर्ट में कहा था कि एक शिकायतकर्ता समीजा ने कहा था कि भीड़ ने 25 फरवरी 2020 को सुबह 11 बजे मकानों को आग के हवाले कर दिया था.
20 जुलाई को अगली सुनवाई
उन्होंने कहा कि मामले में 10 शिकायतों को जोड़ा गया, लेकिन चार्जशीट तथा गवाहों के बयान में कई घटनाओं के सही वक्त का जिक्र नहीं है. अदालत ने कहा कि घटना का वक्त 'जांच का सबसे अहम हिस्सा होता है और कोर्ट अभी तक मामले की अधूरी जांच होने की वजह से इल्जाम तय नहीं कर पाया है. अब मामले की अगली सुनवाई 20 जुलाई को की जाएगी.
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