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दिल्ली दंगा 2020: कोर्ट ने 'इरशाद’ की गवाही पर 'रोहित’ को किया आरोपों से बरी

Delhi Riot 2020 Court acquits man rohit in 2020 Delhi riots case: दिल्ली दंगे के दौरान लूटपाट, तोड़फोड़ और अगजनी के मामले में गिरफतार रोहित को कोर्ट ने दो पुलिसवालों के बयानों में आए विरोधाभास और इरशाद द्वारा पुलिस के बयानों का समर्थन न करने पर रोहित का आरोपों से बरी कर दिया. 

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Zee Media Bureau|Updated: Dec 21, 2022, 08:07 AM IST

नई दिल्लीः राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की एक अदालत ने 2020 के उत्तर पूर्वी दिल्ली दंगों के दौरान दंगा, तोड़फोड़ और आगजनी के मुल्जिम एक शख्स को मंगलवार को यह कहते हुए बरी कर दिया कि आरोपी के खिलाफ मामला संदेह से परे साबित नहीं हो सका है. अदालत मुल्जिम रोहित के खिलाफ एक मामले की सुनवाई कर रही थी. रोहित पर 25 फरवरी, 2020 को गोकुलपुरी इलाके में लूटपाट करने और जायादाद को जलाने की घटनाओं में शामिल दंगाई भीड़ का हिस्सा होने का इल्जाम लगाया गया था.

पुलिस वाले ने दिए परस्पर विरोधी बयान 
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पुलस्त्य प्रमाचला ने कहा, ‘‘मुल्जिम को इस मामले में उसके खिलाफ लगाए गए सभी इल्जामों से बरी किया जाता है.’’ उन्होंने यह भी कहा कि हालांकि अभियोजन पक्ष ने दंगा, तोड़फोड़ और आगजनी की वारदात को तो स्थापित किया था, लेकिन यह गैरकानूनी सभा में अभियुक्तों की मौजूदगी को उचित संदेह से परे साबित करने में नाकाम रहा. अदालत ने कहा कि दंगाई भीड़ के हिस्से के तौर पर रोहित की पहचान के लिए अभियोजन पक्ष ने इरशाद नामक एक शिकायतकर्ता और दो हेड कांस्टेबल पर भरोसा किया था. अदालत ने कहा कि हालांकि इरशाद मुकर गया और उसने अभियोजन पक्ष के मामले का समर्थन नहीं किया, जबकि दोनों पुलिस अफसरों द्वारा उल्लेखित वारदात के वक्त में ‘साफ फर्क’ नजर आ रहा था. अदालत ने कहा कि एक हेड कांस्टेबल ने कहा कि आगजनी की घटना दिन में हुई, जबकि दूसरे का कहना है कि यह रात में हुई थी.

भीड़ का हिस्सा रहने को लेकर आरोपी बनाये गए व्यक्ति को जमानत 
दिल्ली दंगों से जुड़े एक दूसरे मामले में अदालत ने उस शख्स को जमानत दे दी है, जिसकी ‘प्रोफाइल फोटो’ का मुबैयना तौर पर इस्तेमाल 2020 के उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों के दौरान घटना की तस्वीर ट्वीट करने के लिए किया गया था. अदालत ने यह भी कहा कि मुल्जिम के खिलाफ कोई ‘ ठोस सुबूत’ मौजूद नहीं है. मौजूदा मामले में मुल्जिम को दंगाई भीड़ के हिस्से के तौर पर शिकायतकर्ता द्वारा पहचाने जाने के बाद गिरफ्तार कर लिया गया था. फरवरी 2020 में दयालपुर में एक दंगे की घटना के सिलसिले में मुल्जिम को गिरफ्तार किया गया था. कोर्ट ने 10,000 रुपए के जमानती बॉण्ड और इतनी ही राशि के एक निजी मुचलके पर उसे जमानत दे दी है. 

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