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इस राज्य में मौलवी, पुजारी, गृहणियां समेत नाई भी चुनावी मैदान में, लेकिन जीतना नहीं है मकसद

Delhi Lok Sabha Election 2024: दिल्ली में 52 छोटे दल मैदान में हैं, जो अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. इन दलों ने दुकानदारों, मजदूरों, एक्टरों, मौलियों और पुजारियों को चुनावी मैदान में उतारा है. उनका मकसद चुनाव जीतना नहीं बल्क वोट काटना है.

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इस राज्य में मौलवी, पुजारी, गृहणियां समेत नाई भी चुनावी मैदान में, लेकिन जीतना नहीं है मकसद
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Siraj Mahi|Updated: May 14, 2024, 07:33 AM IST

Delhi Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव के लिए दिल्ली में दुकानदारों, श्रमिकों, फिटनेस ट्रेनर, फिल्मकारों, धार्मिक गुरुओं, पुजारियों, ट्यूशन शिक्षकों, एलआईसी एजेंट, वकीलों, चार्टर्ड अकाउंटेंट, चिकित्सकों और पत्रकारों समेत विभिन्न क्षेत्रों के लोग चुनावी मैदान में हैं. ‘अंजान आदमी पार्टी’, ‘गरीब आदमी पार्टी’, ‘हमारा सही विकल्प पार्टी’, ‘आपकी अपनी पार्टी’ और ‘लोग पार्टी’ जैसे अनोखे नामों वाले दलों ने दिल्ली के राजनीतिक परिदृश्य पर छाप छोड़ने की उम्मीद में अपने उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं.

52 छोटे दल मैदान में
राष्ट्रीय राजधानी के सात संसदीय क्षेत्रों में लगभग 52 छोटे दलों ने राजनीतिक दिग्गजों के खिलाफ उम्मीदवार खड़े किए हैं. इस चुनाव में गृहणियां, पेंशनभोगी और सेवानिवृत्त व्यक्ति भी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. उनमें से अधिकतर की नजर जीत पर नहीं है, बल्कि उनका लक्ष्य भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप) जैसे राष्ट्रीय दलों के वोट बैंक से चंद वोट छीनना है. एकमात्र अशिक्षित और बेरोजगार उम्मीदवार नंद राम बागड़ी (71) उत्तर पश्चिम दिल्ली निर्वाचन क्षेत्र से ‘वोटर्स पार्टी इंटरनेशनल’ का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं और उनके हलफनामे के मुताबिक उसके पास सिर्फ 1,000 रुपए नकद है. बागड़ी का लक्ष्य चुनावी दौड़ में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के योगेन्द्र चंदोलिया और कांग्रेस के उदित राज से आगे निकलना है.

मुस्लिमों के वोट लेना मकसद
‘भीम आर्मी’ प्रमुख चन्द्रशेखर आजाद के राजनीतिक संगठन ‘आजाद समाज पार्टी’ के टिकट पर चांदनी चौक से चुनाव लड़ रही एकल मां एवं आठवीं कक्षा पास गृहिणी सीमा रिजवी (41) ने कहा कि उनका लक्ष्य बड़े दलों से मुस्लिम और दलित वोट अपने खाते में करना है. रिजवी ने कहा, ‘‘भाजपा ब्राह्मणों, पंडितों और अन्य उच्च जाति के हिंदू समूहों को समर्पित पार्टी है, जबकि कांग्रेस मुसलमानों के वोट पर राजनीति करती है. इन दोनों दलों ने चांदनी चौक में मुसलमानों और दलितों के विकास के लिए कुछ नहीं किया. मैं केवल चुनावी लाभ के लिए इनका इस्तेमाल करने वाले इन दलों के वोट छीनना चाहती हूं.’’ इस सीट से तीन बार सांसद रहे कांग्रेस के जे पी अग्रवाल चांदनी चौक से मैदान में हैं और भाजपा ने व्यवसायी प्रवीण खंडेलवाल को मैदान में उतारा है. 

मैदान में पत्रकार
पश्चिमी दिल्ली से स्वतंत्र पत्रकार रमेश कुमार जैन भी चुनावी मैदान में हैं, लेकिन वह अपने लिए वोट नहीं मांग रहे, बल्कि मतदाताओं को सही उम्मीदवार को मत देने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं. जैन को ‘गरीब आदमी पार्टी’ ने मैदान में उतारा है. वह एक एलआईसी एजेंट के रूप में काम करते हैं, एक विज्ञापन-बुकिंग व्यवसाय के मालिक हैं और ‘जीवन का लक्ष्य’ नामक एक स्थानीय दैनिक समाचार पत्र कर संचालन करते हैं, जिसके माध्यम से वह पाठकों के लिए संदेश प्रसारित करते हैं. 

4 जूल को आएगी रिजल्ट
आम आदमी पार्टी (आप) के महाबल मिश्रा और भाजपा की कमलजीत सहरावत पश्चिमी दिल्ली सीट पर चुनावी लड़ाई में आमने-सामने हैं. दिल्ली में 25 मई को मतदान होगा और मतगणना चार जून को की जाएगी.

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