Bhim Army Chief Chandrashekhar Azad: भीम आर्मी के चीफ चंद्रशेखर आजाम पर बुधवार को सहारनपुर के देवबंद इलाके में हमला हुआ था. जिसमें उनके साथ उनके एक साथी के भी चोट आई थी. इस मामले में पुलिस ने एक कार बरामद की थी और चार लोगों को गिरफ्तार किया था. अब चंद्रशेखर अस्पताल से बाहर आ गए हैं और उन्होंने पूरी आपबीती बताई है. बता दें पुलिस इस मामले में जांच कर रही है और गिरफ्तार किए गए लोगों से पूछताछ की जा रही है.
चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि वह एक साथी के माता जी की मृत्यू और फिर एक संत के अंतिम दर्शन के लिए दिल्ली से आ रहे थे. जब वह देवबंद के पास पहुंचे तो उनपर हमला हुआ. उस दौरान वह फोन चला रहे थे. एकदम से गाड़ी का शीशा टूटा. मुश्लिकल से 20 सेकेंड में 3 से 4 गोलियां चलाई गईं. जिस गाड़ी से गोलियां चलाई जा रही थी वह बिलकुल पीछे थी.
उन्होंने बताया कि हमला करने वाली गाड़ी 5 से 10 मीटर दूर खड़ी हो गई थी. जिसमें से एक झूलता हुआ लड़का निकला और फायरिंग करनी शुरू कर दी. इसी बीच ड्राइवर मनीष गाड़ी आगे बढ़ाता रहा और यूटर्न ले लिया. लेकिन जब हमलावरों को अंदाजा हुआ कि मैं जिंदा हूं तो उन्होंने फिर मुझपर फायरिंग की. लेकिन मनीष गाड़ी चलाता रहा और गांल जाकर गाड़ी को रोका. जहां जाकर मुझे पता लगा कि मेरे गोली लगी है और इसी दौरा पुलिस को भी फोन किया गया.
सवाल पर उन्होंने बताया कि मेरे घर पर कई बार रेकी की गई है और मैंने अधिकारियों को इसके बारे में जानकारी दी थी. 2 साल पहले भी ऐसी घटना हुई थी. लेकिन अधिकारियों ने इस पर गौर नहीं किया. नोएडा में भी हमारी गाड़ी के आगे पीछे किसी ने कुछ किया था. मुझे ये उम्मीद नहीं थी कि मेरे खुद के जिले में ऐसा हो जाएगा क्योंकि मेरा किसी से व्यक्तिगत कोई झगड़ा नहीं है. वैचारिक झगड़ा हो सकता है और मैं यह नहीं समझ पा रहा हूं कि कोई राजनीतिक लाभ के लिए ऐसा कर सकता है.
चंद्रशेखर ने कहा कि इतनी बड़ी घटना हो गई और सीएम योगी का कोई बयान नहीं आया. मेरे मरने से किसको फायदा है. मेरी वजह से किसी को तकलीफ है, यह एक बड़ा सवाल हैं. आजाद ने कहा कि मुझे जाति की वजह से आप दलित नेता कहते रहेंगे लेकिन मैं सबके लिए लड़ता हूं. चाहें वह फिर किसान हों या फिर सीएए-एनआरसी की लड़ाई