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अब दानिश अली को भेजे जा रहे मारने के मैसेज, दिल्ली पुलिस से लगाई गुहार

दानिश अली ने हाल ही में संसद में पीएम मोदी पर टिप्पणी की थी. इसके बाद भाजपा नेता ने उनके खिलाफ जांच करने की मांग की थी. इसके बाद दानिश ने इल्जाम लगाया था कि संसद के बाहर उनकी लिंचिंग किए जाने की बात कही थी.  

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अब दानिश अली को भेजे जा रहे मारने के मैसेज, दिल्ली पुलिस से लगाई गुहार
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Siraj Mahi|Updated: Sep 27, 2023, 11:07 PM IST

बहुजन समाज पार्टी के सांसद दानिश अली ने बुधवार को दावा किया कि भारतीय जनता पार्टी के लोकसभा सदस्य रमेश बिधूड़ी की तरफ से उनके खिलाफ गलतबयानी का इस्तेमाल किए जाने के बाद से कुछ लोग उन्हें नफरत और धमकी भरे मैसेज भेज रहे हैं. उन्होंने कहा कि ऐसे में दिल्ली पुलिस को कार्रवाई करनी चाहिए. उन्होंने ‘एक्स’ पर एक ऐसे ही कथित मोबाइल पैगाम का स्क्रीनशॉट शेयर किया जिसमें अली के खिलाफ गलतबयानी की गई थी. उत्तर प्रदेश के अमरोहा से लोकसभा सदस्य अली ने कहा, ‘‘पिछले शुक्रवार को संसद प्रकरण सामने आने के बाद से कुछ लोग नफरत भरे पैगाम भेज रहे हैं और मुझे जान से मारने की धमकियां दे रहे हैं. आशा है कि दिल्ली पुलिस संज्ञान लेगी और उचित कार्रवाई करेगी.’’ 

दानिश अली ने अपने पोस्ट में गृह मंत्री अमित शाह को भी टैग किया है. ‘चंद्रयान-3 की कामयाबी और अंतरिक्ष क्षेत्र में भारत की उपलब्धियां’ विषय पर लोकसभा में चर्चा के दौरान बीते बृहस्पतिवार को बिधूड़ी ने अली के खिलाफ आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया था. भाजपा सांसदों निशिकांत दुबे और रवि किशन ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर दावा किया है कि पहले अली ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक शब्द का इस्तेमाल किया था.

इससे पहले दानिश अली ने रविवार को इल्जाम लगाया कि लोकसभा में उनकी ‘मौखिक लिंचिंग’ के बाद अब सदन के बाहर उनकी ‘लिंचिंग’ के लिए विमर्श तैयारी किया जा रहा है. अली ने यह बयान भारतीय जनता पार्टी (BJP) सांसद निशिकांत दुबे के इल्जाम के जवाब दिया. दुबे ने इल्जाम लगाया था कि अली ने गलतबयानी की थी जिसकी वजह से पार्टी के सांसद रमेश बिधूड़ी भड़के.

भाजपा सांसद दुबे ने इल्जाम लगाया था कि यह दिखाने की एक ‘‘साजिश’’ है कि देश में ‘‘अल्पसंख्यक महफूज नहीं हैं.’’ अली ने सोशल मीडिया साइट ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘सिद्धांत है कि ‘चीजें खुद बोलती हैं’और श्री निशिकांत दुबे के दावे की कोई बुनियाद नहीं है. जो हुआ वह धब्बा है और यकीनी तौर पर इससे इनकार नहीं किया जा सकता. मामलों को फर्जी का जामा पहनाना और तथ्यों से खेलना इस बार काम नहीं आएगा.’’

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