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Nuh Violence: भाजपा ने किया नूंह हिंसा प्रभावित इलाके का दौरा, इस राष्ट्रीय पार्टी को नहीं मिली जाने की इजाजत

Nuh Violence: हिंसा प्रभावित इलाके नूंह में भारतीय जनता पार्टी के प्रतिनिधिमंडल को दौरा करने की इजाजत मिल गई है. लेकिन वहीं आम आदमी पार्टी को हिंसा प्रभावित इलाके में जाने से रोक दिया है.

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Nuh Violence: भाजपा ने किया नूंह हिंसा प्रभावित इलाके का दौरा, इस राष्ट्रीय पार्टी को नहीं मिली जाने की इजाजत
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Siraj Mahi|Updated: Aug 09, 2023, 10:43 PM IST

Nuh Violence: भारतीय जनता पार्टी (BJP) का एक प्रतिनिधिमंडल हिंसा प्रभावित नूंह जिले के प्रशासनिक अधिकारियों से मुलाकात करने और स्थिति का जायजा लेने के लिए बुधवार को जिले में पहुंचा. हालांकि, आम आदमी पार्टी (AAP) के एक प्रतिनिधिमंडल को नूंह जाते समय रास्ते में ही रोक दिया गया. भाजपा के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व पार्टी की हरियाणा इकाई के अध्यक्ष ओम प्रकाश धनखड़ ने किया. 

वहीं, आप की हरियाणा इकाई के सात सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल को रोजका मेव थाना इलाके के रेवासन गांव में प्रवेश करने से ठीक पहले पुलिस ने रोक दिया. पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी अधिकारी ने बताया कि कर्फ्यू लगे होने के मद्देनजर इस प्रतिनिधिमंडल को रोका गया और वापस भेज दिया गया. पुलिस के अनुसार, आप के प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई पार्टी के राज्यसभा सदस्य डॉ. सुशील गुप्ता कर रहे थे. गुप्ता ने कहा, ‘‘भाजपा के लोगों को जाने दिया गया, लेकिन हमें रोक दिया गया. हम दंगे के पीड़ितों से मिलना चाहते थे तथा मंदिर और मस्जिद जाना चाहते थे. भाजपा किस बात से डरी हुई है?’’ 

जिला आयुक्त धीरेंद्र खडगाटा ने कहा कि प्रशासन ने स्पष्ट कर दिया था कि कोई भी राजनीतिक प्रतिनिधिमंडल गेस्ट हाउस में अधिकारियों के साथ स्थिति पर चर्चा करने के लिए नूंह का दौरा कर सकता है. उन्होंने बताया कि भाजपा प्रतिनिधिमंडल ने कहा था कि वह अधिकारियों से मिलना चाहता है. 

धनखड़ ने कहा, ‘‘हमारा प्रतिनिधिमंडल स्थिति का जायजा लेने के लिए प्रशासनिक अधिकारियों से मिलने आया था. अन्यत्र कहीं जाने की योजना नहीं है. हम अब लौट जायेंगे. खडगाटा ने कहा कि कांग्रेस, आप और भाकपा के प्रतिनिधिमंडल इलाके में जाना चाहते थे और लोगों से बातचीत करना चाहते थे, इसलिए उन्हें जाने नहीं दिया गया. पुलिस ने बताया कि मंगलवार को प्रदेश कांग्रेस के 10 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल को नूंह जिले के हिंसा प्रभावित गांवों में जाने से रोक दिया गया था.

उससे पहले रविवार को पुलिस ने निषेधाज्ञा का हवाला देते हुए भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के चार सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल को भी नहीं जाने दिया था. खडगाटा ने कहा कि चाहे कोई राजनीतिक दल हो या संगठन, कानून सभी के लिए बराबर है. उन्होंने कहा, ‘‘धारा 144 लगाये जाने के कारण जिला प्रशासन ने राजनीतिक एवं अन्य संगठनों से स्थिति की संवदेनशीलता के मद्देनजर कोई दौरा नहीं करने की अपील की है.’’

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