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Amit Shah on CAA: क्या राज्य सरकारें सीएए को लागू होने से रोक सकती हैं? अमित शाह ने दिया ये जवाब

Amit Shah on CAA: कई राज्य सरकारें कह रही हैं कि वह अपने यहां सीएए को लागू नहीं होने देंगे. अब इस मामले में अमित शाह का बयान आया है, जिससे काफी कुछ साफ हो गया है.

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Amit Shah on CAA: क्या राज्य सरकारें सीएए को लागू होने से रोक सकती हैं? अमित शाह ने दिया ये जवाब
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Sami Siddiqui |Updated: Mar 14, 2024, 10:35 AM IST

Amit Shah on CAA: अमित शाह ने गुरुवार को कई एएनआई को दी गए इंटरव्यू में सीएए को लेकर बात की है. उन्होंने साफ किया है कि सीएए और एनआरसी का कोई ताल्लुक नहीं है. इसके साथ ही उन्होंने यह कानून बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानस्तान से आए गैर मुसलमानों को नागरिकता देने का काम करेगा. इसके लिए सरकार ने एक पोर्टल की भी शुरुआत की है. जिसमें अलग-अग भाषाओं में फॉर्म मौजूद हैं, जिन्हें भर कर नागरिकता के लिए अप्लाई किया जा सकेगा.

राज्य सरकार कर रही हैं विरोध

इस कानून का कई राज्य सरकारें विरोध कर रही हैं और उनका कहना है कि वह अपने राज्य में इस कानून को लागू नहीं होने देंगे. इस पर अमित शाह ने जवाब दिया है. केरल, तमिलनाडु और वेस्ट बंगाल सरकार इसे अपने राज्यों में न लागू करने की बात कर रहे हैं. जिस पर अमित शाह ने कहा,"वो यह समझ रहे हैं कि उनके पास यह अधिकार नहीं है. हमारे संविधान का अनुच्छेद 11 नागरिकता के संबंध में नियम बनाने की सभी शक्तियां संसद को देता है."

उन्होंने आगे कहा कि यह केंद्र का मामला है. केंद्र और राज्य का साझा मामला नहीं है. नागरिकता से जुड़े कानून को बनाने और इसे लागू करने की सभी शक्तियां केंद्र के पास है. केंद्र सरकार इंटरव्यू के जरिए लोगों को नागरिकता देने काम करेगी.

कैसे मिलेगी नागरिकता

अमित शाह ने साफ किया है कि लोगों को इंटरव्यू के लिए बुलाया जाएगा और इसी इंटरव्यू के अनुसार ही लोगों को नागरिकता दी जाएगी. अमित शाह कहते हैं,"मैं मानता हूं कि चुनाव के बाद यह सभी को लागू करना होगा. ये फुटेज के लिए गलत प्रचार कर रहे हैं." शाह ने साफ किया कि किसी भी राज्य में एक भी शरणार्थी है तो मैं उसे छोड़ना नहीं चाहता हूं. सभी को नागरिकता दी जाएगी."

क्या सीएए के एंटी इस्लामिक

ओवैसी के बयान का भी अमित शाह ने जवाब दिया है, जिसमें उन्होंने इस कानून को एंटी इस्लामिक करार दिया था. अमित शाह ने कहा," उनका तर्क क्या है? मुसलमानों का धार्मिक उत्पीड़न नहीं हो सकता क्योंकि पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश इस्लामिक राज्य घोषित हैं. इनके नाम में यह घोषित इस्लामिक स्टेट है वहां के मुसलमानों की प्रताड़ना कौन करेगा. हम भी मुसलमानों को नागरिकता दे सकते हैं, लेकिन वह इसके लिए अप्लाई करें."

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