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सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर बोला पर्सनल लॉ बोर्ड- अपना फैसला वापस ले कर्नाटक सरकार

Hijab Controversy: हिजाब मामले पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने बड़ा बयान दिया है. बोर्ड के जनरल सेक्रेटरी ने कहा है कि कर्नाटक सरकार को अपना फैसला वापस ले लेना चाहिए. 

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Tahir Kamran|Updated: Oct 13, 2022, 10:51 PM IST

All India Muslim Personal Law Board: ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने हिजाब मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद गुरुवार को कहा कि कर्नाटक सरकार को शिक्षण संस्थानों में हिजाब पहनने पर रोक से जुड़े अपने हुक्म को वापस लेना चाहिए ताकि यह पूरा विवाद खत्म हो सके. मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के जनरल सेक्रेटरी मौलाना खालिद सैफुल्लाह रहमानी ने यह भी कहा कि जस्टिस सुधांशु धूलिया का हुक्म संविधान और पर्सनल आज़ादी के सिद्धातों के मुताबिक है.

उन्होंने एक बयान में कहा कि जस्टिस धूलिया ने लड़कियों की शिक्षा को बढ़ावा देने और उनकी शिक्षा में आने वाली बाधाओं को दूर करने पर ध्यान केंद्रित किया. उन्होंने कहा कि इस पहलू का स्वागत किया जाना चाहिए, हालांकि जस्टिस हेमंत गुप्ता के फैसले में यह पहलू गायब था. रहमानी ने कहा, "कर्नाटक सरकार से गुज़ारिश है कि वह हिजाब से जुड़े हुक्म को वापस ले. अगर कर्नाटक सरकार यह आदेश वापस ले लेती है तो पूरा विवाद खुद खत्म हो जाएगा." 

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उनका कहना था कि सरकार को ऐसे किसी कदम की हिमायत नहीं करना चाहिए जो लड़कियों की एजुकेशन के रास्ते में रुकावट पैदा करे. सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक के तालीमी इदारों में हिजाब पहनने पर लगी पाबंदी हटाने से इनकार करने वाले कर्नाटक हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर गुरुवार को खंडित फैसला सुनाया.

जस्टिस हेमंत गुप्ता ने हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ दाखिल याचिकाएं खारिज कर दीं, जबकि जस्टिस सुधांशु धूलिया ने उन्हें कुबूल कर लिया. जस्टिस गुप्ता ने फैसला सुनाते हुए कहा, "इस मामले में मतभेद हैं."

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