Home >>Muslim World

Pakistan News: साइफर सहित दो मामले में Ex.PM इमरान खान और शाह महमूद कुरैशी बरी

Pakistan Ex PM Imran Khan acquitted in cypher case: पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और पार्टी नेता शाह महमूद कुरैशी इस वक़्त जेल में बंद हैं, लेकिन  साइफर मामले में बरी होने के बाद भी दोनों जेल से रिहा नहीं होंगे. अप्रैल 2022 में उनके पद से हटने के बाद से उन पर लगाए गए लगभग 200 मामलों में से कुछ में दोषी ठहराए गए हैं. 

Advertisement
पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान
Stop
Hussain Tabish|Updated: Jun 03, 2024, 06:44 PM IST

Imran Khan acquitted in cypher case: इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने सोमवार को पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के संस्थापक इमरान खान (Imran Khan) और पार्टी नेता शाह महमूद कुरैशी को साइफर मामले (cypher case) में बरी कर दिया है. हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश आमिर फारूक और न्यायमूर्ति मियांगुल हसन औरंगजेब ने साइफर मामले में इमरान खान और शाह महमूद कुरैशी की सजा के खिलाफ फैसला सुनाया है. 

इसके अलावा पाकिस्तान की एक अदालत ने सोमवार को जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और उनकी पार्टी के अन्य शीर्ष नेताओं को 2022 में सरकार विरोधी विरोध मार्च के दौरान तोड़फोड़ से संबंधित दो मामलों में भी बरी कर दिया है.  71 वर्षीय पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के संस्थापक अप्रैल 2022 में उनके पद से हटने के बाद से उन पर लगाए गए लगभग 200 मामलों में से कुछ में दोषी ठहराए जाने के बाद पिछले साल अगस्त से जेल में हैं.

हालाँकि, तोशाखाना और इद्दत मामलों में बरी होने के बाद भी दोनों नेताओं के अभी जेल से रिहा होने की उम्मीद नहीं है. साइफर केस (cypher case) एक राजनयिक दस्तावेज से जुड़ा है, जिसमें अमेरिका की ओर से उनकी सरकार को गिराने की धमकी शामिल थी. 

पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी को हाल ही में 9 मई के मामलों में गिरफ्तार किया गया है. आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम के तहत स्थापित एक विशेष अदालत ने खान और कुरैशी दोनों को इस मामले में 10-10 साल की जेल की सजा सुनाई थी. 

इमरान खान और शाह महमूद कुरैशी, जो जेल में हैं, पर पहली बार अक्टूबर में इस मामले में आरोप लगाए गए थे. दोनों नेताओं ने खुद को निर्दोष बताया था. इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने जेल ट्रायल के लिए सरकार की अधिसूचना को "गलत" बताया था और पूरी कार्यवाही को रद्द कर दिया था. इससे पहले मई में एक विशेष अदालत ने अदियाला जिला जेल में नए सिरे से साइफर ट्रायल शुरू किया था, जब दोनों नेताओं को 13 दिसंबर को मामले में दूसरी बार कसूरवार ठहराया गया था.

 22 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट ने इमरान खान और शाह महमूद कुरैशी की गिरफ्तारी के बाद की जमानत को मंजूरी दे दी थी, जबकि इमरान खान को अन्य मामलों में जेल में रखा गया है, कुरैशी की अपेक्षित रिहाई रोक दी गई थी, क्योंकि उनके साथ मारपीट की गई और 9 मई को एक नए मामले में उन्हें फिर से गिरफ्तार कर लिया गया. कुछ दिनों बाद, न्यायमूर्ति मियांगुल हसन औरंगजेब ने विशेष अदालत को 11 जनवरी तक कुरैशी सहित संदिग्धों के खिलाफ कार्यवाही करने से प्रतिबंधित कर दिया.

कई मामलों में पहले भी हो चुके हैं बरी 

इस्लामाबाद की जिला और सत्र अदालत ने 'हकीकी आजादी' मार्च के दौरान तोड़फोड़ के दो मामलों में खान, पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी, पूर्व संचार मंत्री मुराद सईद और अन्य पीटीआई नेताओं को बरी कर दिया है.  मई 2022 में, पूर्व क्रिकेटर से राजनेता बने खान ने लाहौर से इस्लामाबाद की ओर एक मार्च शुरू किया, ताकि शहबाज शरीफ की गठबंधन सरकार को गिराया जा सके, जो अविश्वास प्रस्ताव के बाद प्रधानमंत्री पद से हटाए जाने के बाद सत्ता में आई थी. यह रैली पीटीआई के 'वास्तविक स्वतंत्रता' हासिल करने और राष्ट्र को 'अमेरिका समर्थित' गठबंधन सरकार की 'गुलामी' से आज़ाद करने के संघर्ष का हिस्सा थी. खान ने गठबंधन सरकार पर 'अमेरिका समर्थित साजिश' के जरिए सत्ता में आने का इलज़ाम लगाया था. उस वक़्त  इस्लामाबाद पुलिस ने संघीय राजधानी में आगजनी और तोड़फोड़ के इलज़ाम पर खान, कुरैशी और पार्टी के अन्य नेताओं सहित 150 लोगों के खिलाफ अलग-अलग मामले दर्ज किए थे.

इस महीने की शुरुआत में, इस्लामाबाद के एक न्यायिक मजिस्ट्रेट ने भी खान को 2022 में उनकी पार्टी के दो लंबे मार्च के दौरान तोड़फोड़ के दो मामलों में बरी कर दिया था.  

{}{}