IDF Shot American: इज़रायली जेल में बंद 13 साल के अमेरिकी फ़िलिस्तीनी लड़के को बुधवार, 20 दिसंबर को रिहा कर दिया गया. मलिक जाफ़ल के परिवार ने आरोप लगाया है कि उसकी बांह में गोली मारी गई, और बाद में उसके कपड़े उतारकर तलाशी ली गई, पूछताछ की गई और गलत तरीके से गिरफ्तार किया गया. मलिक ने कहा कि उन्होंने ओफ़र सैन्य जेल में एक सप्ताह बिताया, जहां उन्हें 12 अन्य लड़कों के साथ एक छोटे से कमरे में रखा गया, जहां कोई साबुन और शॉवर नहीं था.
1 नवंबर को, इज़राइली सैनिकों ने मलिक की बांह में गोली मार दी थी, उस वक्त वह अपने दोस्तों के साथ फुटबॉल खेलकर घर जा रहा था. मलिक का इलाज बेथलहम अस्पताल में किया गया. अस्पताल से रिहा होने के महीनों बाद, इजरायली सैनिक देर रात उनके घर गए, और उससे बात करने की बात करने लगे. मलिक के पिता मोहम्मद ने उसे जगाया.
मलिक की मां ने बताया, "उन्होंने उसके सारे कपड़े उतरवा दिए और वह केवल अंडरवियर में ही रह गया और उन्होंने उसके पूरे शरीर की जांच की, और उसने उनसे कहा कि मुझे ठंड लग रही है, मैं कपड़े पहनना चाहता हूं. उन्होंने कहा, तुम्हें पता है, तुम्हें तब तक कपड़े पहनने की इजाजत नहीं है जब तक हम तुम्हारे साथ काम पूरा नहीं कर लेते.''
मलिक को अपना हाथ दिखाने के लिए कहा गया, क्योंकि सैनिकों को यकीन नहीं हुआ कि उसे गोली मारी गई है. वे उससे उसकी अन्य चोटों के बारे में पूछताछ करने लगे. इसके बाद मलिक और उनके पिता को पुलिस स्टेशन ले जाया गया. कथित तौर पर माता-पिता की गैरमौजूदगी में बच्चे से दो घंटे तक पूछताछ की गई.
लड़के के पिता मोहम्मद ने कहा, "वे उसे पत्थर फेंक रहे लोगों के वीडियो दिखा रहे थे और कह रहे थे कि 'वह तुम हो', 'यह तुम हो, और हमारे सामने कबूल करो कि वह तुम हो, और वह कहता रहा कि वह मैं नहीं हूं." जिस रात मलिक को गिरफ्तार किया गया, मुस्तफा ने कथित तौर पर एक इजरायली सैनिक को बताया कि वह और उसका बेटा अमेरिकी नागरिक हैं.
लड़के के पिता कहते हैं. "मैंने उसकी आंखों में देखा और कहा: 'मेरे बच्चे के अधिकारों के बारे में क्या?' वह एक नाबालिग है. एक कम उम्र का नाबालिग जिसके पास अमेरिकी नागरिक पासपोर्ट है, उसने बस मेरी ओर देखा और उसने कहा, 'तुम्हारे बेटे का इज़राइल में कोई अधिकार नहीं है."