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Waqf Bill: जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने JPC के सदस्यों के साथ की बैठक कर दर्ज कराया अपना ऐतराज

Waqf Board Bill 2024: केंद्र सरकार ने वक्फ बोर्ड से जुड़े दो बिल को लोकसभा में पेश किया था. जिसको लेकर भारी हंगामा हुआ था. विपक्षी दल इस बिल के खिलाफ थे. इस बिल पर चर्चा होने के बाद JPC का गठन किया था. जिसमें 21 सांसद सदस्य है.

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Waqf Bill: जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने JPC के सदस्यों के साथ की बैठक कर दर्ज कराया अपना ऐतराज
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Zee Salaam Web Desk|Updated: Aug 19, 2024, 08:08 PM IST

Waqf Board Bill 2024: जमीयत उलेमा-ए-हिंद विपक्षी नेताओं के साथ-साथ वक्फ (संशोधन) बिल पर JPC के सदस्यों के साथ बैठक कर रही है, ताकि उन्हें यह समझाया जा सके कि प्रस्तावित बिल "असंवैधानिक" है और समुदाय के धार्मिक मामलों में "हस्तक्षेप" है. जमीयत के प्रतिनिधिमंडल संबंधित सांसदों से मिल रहे हैं और इस बात पर जोर दे रहे हैं कि अगर विधेयक अपने मौजूदा स्वरूप में पारित हो जाता है, तो वक्फ की सभी संपत्तियां "असुरक्षित" हो जाएंगी. जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने यह जानकारी दी है.

लोकसभा सचिवालय की तरफ से जारी नोटिस के मुताबिक, बीजेपी सदस्य जगदंबिका पाल की अध्यक्षता वाली समिति 22 अगस्त को अल्पसंख्यक मामलों और कानून एवं न्याय मंत्रालयों के प्रतिनिधियों से मुलाकात करेगी. 

जमीयत ने क्या कहा?
जमीयत ने कहा कि जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी के निर्देश पर निकाय के प्रतिनिधि लगातार सभी विपक्षी दलों के नेताओं और विधेयक पर संयुक्त समिति के सदस्यों से मिल रहे हैं.

जमीयत ने एक बयान में कहा कि इन बैठकों के दौरान, जहां प्रतिनिधिमंडल इस विधेयक के गलत और हानिकारक संशोधनों की तरफ इशारा कर रहे हैं, वहीं विधेयक के पारित होने की स्थिति में मुसलमानों पर पड़ने वाले हानिकारक प्रभावों और किस तरह मुसलमानों को उनकी वक्फ संपत्तियों से वंचित किया जा सकता है, इस बारे में भी विस्तार से बताने की कोशिश की जा रही है.

तमिलनाडु के सीएम से वक्फ बोर्ड सदस्य करेंगे मुलाकात
महाराष्ट्र में जमीयत के एक प्रतिनिधिमंडल ने हाल ही में मुंबई में संसदीय पैनल के सदस्य म्हात्रे बाल्या मामा (एनसीपी शरद पवार) और अरविंद सावंत (शिवसेना यूबीटी) से मुलाकात की. इसके बाद एक बयान जारी किया गया है. जारी बयान में कहा गया है कि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और जमीयत उलेमा-ए-हिंद का एक संयुक्त प्रतिनिधिमंडल 20 अगस्त को तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन से भी मिलने जा रहा है.

जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने क्या कहा?
इसके साथ ही बयान में कहा गया है कि बिहार सहित अन्य राज्यों में सदस्य राजनीतिक दलों के नेताओं और संसदीय समिति के सदस्यों से मिल रहे हैं और उन्हें प्रस्तावित विधेयक की खामियों और इसके "हानिकारक प्रावधानों" के बारे में बता रहे हैं. जमीयत के प्रतिनिधि संसद समिति के नेताओं से मिलकर इस "असंवैधानिक और अन्यायपूर्ण विधेयक" के "खतरनाक" प्रावधानों की ओर उनका ध्यान आकर्षित कर रहे हैं। जमीयत ने कहा कि संबंधित सांसदों को बताया जा रहा है कि अगर यह विधेयक अपने मौजूदा स्वरूप में पारित हो गया, तो वक्फ की सभी संपत्तियां "असुरक्षित" हो जाएंगी. 

वक्फ के खिलाफ हो रही है साजिश
जमीयत ने अपने बयान में कहा, "यहां तक ​​कि पुरानी मस्जिदों, मकबरों, इमाम बाड़ों और कब्रिस्तानों पर मुसलमानों का दावा भी कमजोर हो जाएगा. क्योंकि वक्फ न्यायाधिकरण को खत्म करने और सभी अधिकार जिला कलेक्टर को देने की साजिश है. संसद की संयुक्त समिति के कई सदस्यों को यह भी नहीं पता कि वक्फ क्या है और इसके धार्मिक निहितार्थ क्या हैं.

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