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असदुद्दीन ओवैसी 'अभेद किले' में 1984 से कोई नहीं लगा पाया सेंध, माध्वी लता की करारी हार

Owaisi won Lok Sabha Elections: रिजल्ट्स आने शुरू हो गए हैं. इस वक्त देश में सबसे ज्यादा हैदराबाद लोकसभा सीट की हो रही है. जहां वोटों की गिनती जारी है. AIMIM के चीफ और मौजूदा लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने बीजेपी कैंडिडेट माध्वी लता (Madhavi Latha Kompella) पर 3.5 लाख से ज्यादा वोटों से जीत दर्ज की है.

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असदुद्दीन ओवैसी 'अभेद किले' में 1984 से कोई नहीं लगा पाया सेंध, माध्वी लता की करारी हार
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Taushif Alam|Updated: Jun 04, 2024, 06:37 PM IST

Owaisi won Lok Sabha Elections: देश में लोकसभा इलेक्शन खत्म हो गया है. अब रिजल्ट्स आने शुरू हो गए हैं. इस वक्त देश में सबसे ज्यादा हैदराबाद लोकसभा सीट की हो रही है. जहां वोटों की गिनती जारी है. AIMIM के चीफ और मौजूदा लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने बीजेपी कैंडिडेट माध्वी लता (Madhavi Latha Kompella) पर 3 से ज्यादा वोटों से जीत दर्ज की है. इलेक्शन कमीशन के मुताबिक ओवैसी को अभी तक 6 लाख 61 हजार 981 वोट मिले हैं. वहीं माध्वी लता को 3 लाख 23 हजार 884 वोट मिले हैं.

पिछले साल किसकों कितना मिला वोट
साल 2019 लोकसभा इलेक्शन की बात की जाए, तो असदुद्दीन ओवैसी ने बीजेपी के कैंडिडेट डॉक्टर भगवानाथ राव को करीब 2 लाख 80 हजार से ज्यादा वोटों से करारी शिकस्त दी थी. ओवैसी को इस इलेक्शन में 5 लाख 17 हजार 471 वोट मिले थे. जबकि बीजेपी कैंडिडेट को 2 लाख 35 हजार 285 वोट मिले थे. वहीं, हैदराबाद लोकसभा सीट से कांग्रेस चौथे नंबर थी, जबकि टीआरएस तीसरे नंबर पर काबिज थी. ओवैसी को लगभग 59 फीसद लोगों ने वोट किया था. जबकि बीजेपी को 32 फीसद लोगों ने वोट किया. कांग्रेस के कैंडिडेट मोहम्मद फिरोज आलम को 49 हजार 944 वोट मिले थे.

इंदिरा का भी नहीं चल पाया जादू
हैदराबाद कभी आंध्र प्रदेश की राजधानी हुआ करती थी, लेकिन 2014 में अलग राज्य बनने के बाद हैदराबाद तेलंगाना की राजधानी बन गई है. हैदराबाद की मतदाताओं की बात की जाए, तो  आंकड़ों के मुताबिक, इस लोकसभा सीट पर लगभग 60 फीसद से ज्यादा मुस्लिम वोटर्स हैं, जबकि हिंदू वोटर्स 40 फीसद हैं. इस सीट पर AIMIM की साल 1984 से कब्जा है. हैदराबाद सीट पर इंदिरा गांधी के दौर में भी इंदिरा का जादू नहीं चल सका, इस सीट पर कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा. इसके बाद से ही अब तक हैदराबाद लोकसभा सीट असदुद्दीन ओवैसी का अभेद किला बना हुआ है. जिसको तोड़ने के लिए बीजेपी काफी मेहनत इस चुनाव में की है, लेकिन संभव नहीं हो पाया है. 

1984 से है ओवैसी परिवार का कब्जा
इस अभेद किले की चाबी पिछले 40 सालों से अवैसी परिवार के पास है. इस सीट से AIMIM चीफ और मौजूदा लोकसभा सांसद ओवैसी के वालिद मरहूम सुल्तान सलाहुद्दीन ओवैसी साल 1984 से लेकर 2004 तक सांसद रहें. इसके बाद  2004 से लेकर 2024 के चुनाव में ओवैसी ने अपना परचम लहराया है. इस सीट वह 5 बार सांसद बने हैं. कुल मिलाकर हैदराबाद सीट पर अवैसी परिवार का 1984 से कब्जा है.  

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