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असम: लोकसभा चुनाव में ये मुस्लिम मुद्दे रह सकते हैं हावी; भाजपा को घेरने की तैयारी में विपक्ष

Lok Sabha Chunav 2024: असम में तीन चरणों में लोकसभा चुनाव होने वाला है. इलेक्शन कमीशन ने बताया है कि असम में 19, 26 अप्रैल और 7 मई को चुनाव होंगे. ऐसे में मुस्लिम मुद्दे जैसे, CAA, UCC और बहुविवाह हावी होंगे.

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असम: लोकसभा चुनाव में ये मुस्लिम मुद्दे रह सकते हैं हावी; भाजपा को घेरने की तैयारी में विपक्ष
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Siraj Mahi|Updated: Mar 17, 2024, 06:45 AM IST

Lok Sabha Chunav 2024: इलेक्शन कमीशन ने लोकसभा चुनावों की तारीखों का ऐलान कर दिया है. लोकसभा इलेक्शन 19 अप्रैल से शुरू होंगे. असम में तीन मरहलों में वोटिंग होगी. यहां 19, 26 अप्रैल और 7 मई को वोटिंग होगी. ऐसे में असम में लोकसभा चुनाव में CAA, बाल विवाह, UCC जैसे मामले चुनावी मुद्दे होंगे.

CAA
असम में लोकसभा चुनाव में नागरिकता (संशोधन) कानून (CAA) मुद्दा हावी रह सकता है. असम में सत्तारूढ़ भाजपा 31 दिसंबर 2014 से पहले आए बांग्लादेश के हिंदू बंगाली प्रवासियों को नागरिकता देने के वादे को पूरा करने पर ध्यान केंद्रित करेगी, जबकि विपक्षी दल विदेशियों के खिलाफ छह साल के आंदोलन को खत्म करने के लिए 1985 में हस्ताक्षरित असम समझौते के उल्लंघन का जिक्र कर सकते हैं.

UCC
राज्य सरकार असम मुस्लिम विवाह और तलाक पंजीकरण अधिनियम, 1935 को खत्म करके और बहुविवाह पर प्रतिबंध को प्रभावी बनाने के लिए एक कानून लाना चाहती है. विपक्षी दल इस मुद्दे को उठा सकते हैं क्योंकि उनका इल्जाम है कि यह मुसलमानों के प्रति भेदभावपूर्ण है और चुनावी साल में मतदाताओं का ध्रुवीकरण करने के लिए ऐसा किया गया है.

बाल विवाह
राज्य में बाल विवाह के खिलाफ कार्रवाई भी एक अहम मुद्दा होगा जिसे चुनाव प्रचार अभियान के दौरान जगह मिलेगी और भाजपा का दावा है कि उन्होंने सामाजिक बुराई को खत्म करने के लिए कदम उठाया है, जबकि विपक्ष सत्तारूढ़ दल पर खास तौर से मुस्लिम समुदाय को निशाना बनाने का इल्जाम लगा सकता है.

हिंदुत्व का एजेंडा
विपक्षी दल भाजपा को हिंदुत्व के एजेंडे को लेकर घेर सकते हैं, खासकर धुबरी, करीमगंज और नगांव जैसे अल्पसंख्यक बहुल निर्वाचन इलाकों के साथ-साथ दूसरे कई इलाकों में

रोजगार
भाजपा युवाओं को रोजगार देने के लिए उठाए गए कदमों पर ध्यान केंद्रित कर सकती है, जबकि विपक्ष सत्तारूढ़ दल पर शिक्षित युवाओं को रोजगार प्रदान करने के वास्ते पर्याप्त कदम नहीं उठाने के लिए निशाना साध सकता है.

महिला मतदाताओं को लुभाना
भाजपा पिछले कुछ सालों से महिला मतदाताओं पर ध्यान केंद्रित कर रही है, जो कुल मतदाताओं का लगभग 50 प्रतिशत हैं. विपक्षी दलों द्वारा महिला मतदाताओं को विभिन्न रियायतें देने की भी संभावना है.

चाय बागान मतदाता
भाजपा चाय बागान मजदूरों के विकास के लिए की गई विभिन्न योजनाओं पर प्रकाश डालेगी जिसमें बागान इलाकों में मॉडल स्कूल, उन्हें कोविड के दौरान बैंकिंग सुविधाएं प्रदान करना, स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करना शामिल है. विपक्ष भी मतदाताओं के इस वर्ग को लुभाने के लिए हर संभव प्रयास करेगा.

ढांचागत विकास
भाजपा पिछले दस सालों के दौरान राज्यभर में सड़क, रेल, हवाई और इंटरनेट संपर्क को बढ़ाकर बुनियादी ढांचागत विकास योजनाओं को सामने रखेगी.

औद्योगिक विकास
हाल में प्रधानमंत्री की तरफ से असम के मोरीगांव जिले में 27,000 करोड़ रुपये की सेमीकंडक्टर सुविधा और परीक्षण सुविधा की आधारशिला रखी गई और सत्तारूढ़ दल प्रचार अभियान के दौरान औद्योगिक विकास के लिए शुरू की गई विभिन्न योजनाओं का उल्लेख कर सकता है.

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